मात्र तीन दिन की है ये बच्ची
CWC के जरिए सरकार को सौंप दें शिशु:पालोना
14 October 2023, Varanasi, UP
Shinescript Team
बीएचयू परिसर में एक महिला अपनी नवजात बिटिया को टीनशेड के नीचे छोड़ कर चली गई। सौभाग्य से बच्ची पर एक सफाईकर्मी की नजर पड़ गई। बच्ची को तुरंत ही बीएचयू अस्पताल में चिकित्सक को दिखाया गया। उसकी स्तिथि देखते हुए बालिका को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है।
कब कहाँ कैसे
इस घटना की जानकारी पालोना को वाराणसी मीडिया के साथी श्री अमित कुमार से मिली। ये घटना उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में 14 अक्टूबर 2023 को घटी।
शनिवार सुबह करीब 7.30 बजे सफाईकर्मी शहनाज बाल रोग विभाग के पास दवा वितरण केंद्र के करीब झाड़ू लगा रही थी। बच्ची के रोने की आवाज सुनने पर जब उन्होंने आसपास देखा तो उन्हें टीनशेड के नीचे एक नवजात नजर आई। बच्ची कपड़े में लिपटी हुई थी।
वह उस मासूम को अस्पताल में ले गईं। फिलहाल बच्ची एसएनसीयू में इलाजरत है। डॉक्टर्स के मुताबिक, वह 03 दिन की है। तुरंत ही इसकी सूचना पुलिस को दी गई।

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सीसीटीवी में नजर आई बुर्के वाली महिला
परिसर में लगे सीसीटीवी में नजर आया कि बच्ची को सुबह 05 बजे ही टीनशेड के नीचे कुर्सी पर छोड़ दिया गया था। सीसीटीवी में एक बुर्के वाली महिला भी नज़र आई, जिसने बच्ची को वहां रखा था। तीन घंटे तक ये बच्ची भूख के कारण बिलखती रही।
करीब दो घंटे बाद 07–7.30 बजे सफाईकर्मी शहनाज ने जब इसे देखा तो दूध खरीद के पिलाया और तुरंत ही चिकित्सकों को दिखाया। बच्ची को हल्का निमोनिया और पीलिया था। सुधार होने पर उसे बाल कल्याण समिति को सौंप दिया जाएगा।

Pc-Amar Ujala
क्या कहता है स्थानीय मीडिया
मीडिया के अनुसार जब ये बच्ची मिली थी उसकी हालत ठीक नहीं थी। चिकित्सकों ने जाँच करके उसका इलाज प्रारम्भ कर दिया और बच्ची को जीवनदान दिया।
जहाँ इस बच्ची को छोड़ा गया था, वहां आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं, जो कई बार बच्चों पर हमला कर चुके हैं। कुर्सी पर होने की वजह से बच्ची सुरक्षित रही। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और छानबीन शुरू कर दी है।
पालोना की सिफारिश
- पालोना का मानना है कि ये गंभीर अपराध है। भारत में हर रोज ना जाने कितने बच्चों को असुरक्षित छोड़ दिया जाता है।
- सरकार को इसके लिए सख्त कदम उठाने चाहिए और दोषियों का पता चलने पर उन्हें कड़ी सजा देनी चाहिए।
- जन जागरूकता फैलाना भी बहुत जरूरी है। लोगों को सुरक्षित समर्पण की जानकारी देना और बाल कल्याण समिति के बारे में अवगत कराना अतिआवश्यक है।
- कोई भी व्यक्ति अगर अपना बच्चा पालने में समर्थ नहीं है या उसे अपने पास नहीं रख सकता तो उसे ये पता होना चाहिए कि वो बाल कल्याण समिति (CWC) से संपर्क करके अपने बच्चे को सुरक्षित और गोपनीय तरीके से सरकार के सुपुर्द कर सकता है।
- ये भी लोगों को बताना जरूरी है कि वो अपना बच्चा सार्वजनिक स्थानों पर उपलब्ध पालनों में या फिर अस्पताल के बिस्तर पर भी छोड़ सकते हैं। उससे उनका बच्चा सुरक्षित भी रहेगा और स्वस्थ भी। और उसे तत्काल मेडिकल केयर मिल पाएगी।