सिर्फ तीन दिन पहले ही हुआ था बच्ची का जन्म
ये INDIRECT INFANTICIDE है – पालोना
18 October 2023, Varanasi, UP
Monika Arya

Pc- Amar Ujala
वाराणसी जिले के माधोपुर तिराहे पर रखे बैग में एक नवजात बच्ची मिली । वहां से गुजर रहे किसी व्यक्ति को उसके रोने की आवाज सुनाई दी। स्थानीय लोगों ने उस बच्ची को तुरंत ही पास के महिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां जांच के दौरान बच्ची की मौत हो गई।
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कब, कहाँ, कैसे
ये घटना गत बुधवार, 18 अक्टूबर 2023 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में घटी। यहां स्थित माधोपुर तिराहे के पास झाड़ियों में से एक बच्चे के रोने की आवाज़ किसी राहगीर को सुनाई पड़ी। वहां देखने पर उन्हें एक बैग दिखाई दिया। आवाज इसी बैग में से आ रही थी।
बैग को खोलने पर उसमें एक नवजात शिशु (बच्ची) तौलिये में लिपटी हुई मिली। राहगीरों ने तुरंत इस घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। सूचना मिलते ही सिगरा थाने से पुलिस कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे। बाल संरक्षण यूनिट को भी इसकी सूचना दी गई।
पालोना को गूगल सर्फिंग के दौरान इस घटना की जानकारी मिली। इसकी पुष्टि वाराणसी मीडिया के साथी श्री अमित कुमार और बाल संरक्षण अधिकारी श्रीमती निरुपमा सिंह ने की है।
अस्पताल में हुई मौत
बच्ची को तुरंत ही जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने जाँच के बाद बताया कि बच्ची का जन्म मात्र 3 दिन पहले ही हुआ था। भर्ती कराने के दो घंटे के बाद ही इलाज के क्रम में बच्ची की मौत हो गई।
एक हफ्ते में ये दूसरी घटना
एक हफ्ते में ये दूसरी ऐसी घटना सामने आई है। इससे पहले शनिवार, 14 अक्तूबर को भी बीएचयू परिसर में एक नवजात बच्ची टीनशेड के नीचे पाई गई थी। वो बच्ची वहां 3 घंटे तक ऐसे ही पड़ी रही थी। एक सफाईकर्मी की उस बालिका पर नजर पड़ी तो उसने उठा कर तुरंत ही उसे बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया और दूध पिलाया। उस बच्ची के बारे में अभी जांच चल ही रही थी कि ये दूसरी घटना हो गई।
क्या लिखता है स्थानीय मीडिया
जब नवजात मिली, उसकी सांस बहुत धीरे चल रही थी। उसे एम्बुलेंस से तत्काल कबीरचौरा स्थित महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह ने बताया कि वहां करीब दो घंटे बाद उसकी मौत हो गई है।
पुलिस की जांच जारी है
पुलिस जाँच में जुट गई है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। जिस बैग में बच्ची मिली थी, उस रंग का बैग ले जाने वालों की पुलिसकर्मी सरगर्मी से तलाश कर रहे हैं। इसके लिए विशेष रूप से एक दरोगा और दो सिपाहियों को जिम्मेदारी दी गई है।
पालोना की सिफारिशें
- पालोना का मानना है कि ये Indirect Infanticide है। विश्व भर में नवजातों की हत्या के लिए सबसे सुगम रास्ते के रूप में इसी का इस्तेमाल किया जाता है। जहां शिशु को Unsafe & Unhygienic कंडीशन में मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।
- ये एक गंभीर अपराध है और इसे रोकने के लिए समाज और सरकार के सभी धड़ों को मिलकर काम करना होगा।
- सरकार को इस तरह के अपराधों को ध्यान में रखते हुए सख्त कदम उठाने चाहिए और लोगों में जागरूकता भी बढ़ानी चाहिए।
- लोगों को ये बताना अति आवश्यक है कि यदि वे अपना बच्चा पालने में असमर्थ हैं या किसी कारणवश अपना बच्चा अपने साथ नहीं रख सकते तो उसे सरकार की सेफ सरेंडर पॉलिसी के तहत सुरक्षित तरीके से सरकार के सुपुर्द कर दें।
- मीडिया और सोशल मीडिया का प्रयोग करते हुए सरकार को लोगों को सुरक्षित समर्पण (सेफ सरेंडर) पॉलिसी और सार्वजनिक स्थानों पर लगे पालनों के बारे में बताना चाहिए।
- यदि किसी को अपना बच्चा देना है तो वो बाल सरक्षण समिति से संपर्क करके गोपनीय तरीके से अपने बच्चे को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा सकता है।
- इस तरह से ना सिर्फ एक बच्चे की जान बचाई जा सकती है, बल्कि उस बच्चे के लीगल एडॉप्शन के जरिए एक सूने घर को गुलजार भी किया जा सकता है।