मेरे लिए ये टर्म नई थी, जब कल पहली बार इसके बारे में मुझे बताया गया। कभी सोचा है कि जिन बच्चों को अबॉर्ट करवाने की कोशिश हुई, उनका हुआ क्या। क्या वास्तव में आपका उद्देश्य पूरा हुआ, या फिर वे कहीं रिस रिस कर जी रहे हैं।
एक बार पूछा तो होता, जाना तो होता कि कितने बड़े हैवान हैं हम इंसानीनुमा जीव। या शायद हैवान भी कुछ नही हमारे आगे। यहां शेयर कर रही हूँ, जैसे का तैसा, बिना एक शब्द भी बदले…
फ्लॉरिडा के जैकसनविले की एक नर्स कैथलीन मैलॉय ने भी ऐसे ही एक वाकये के बारे में बताया है. इसके बारे में वो कहती हैं कि रात 11 से सुबह 7 बजे की शिफ्ट में काम करते हुए मेरी नजर नर्सरी के बाहर रखे एक पालने पर पड़ी. जिसमे एक बच्ची रो रही थी. उस पालने में पूरी तरह विकसित बच्ची, अकेली पड़ी रो रही थी. वो बच्ची बाकी बच्चों से अलग थी. उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि जैसे वो बच्ची झुलस गई हो.
दरअसल वो बच्ची सैलाइन अबॉर्शन से हुई बच्ची थी.
आपको बता दे कि सैलाइन अबॉर्शन में गर्भ में इंजेक्शन की मदद से एक लिक्विड डाला जाता है, जो बच्चे को मारता है. इस प्रक्रिया में बच्चे के फेफड़े और खाल तक जल जाती है और वो मर जाता है. ऐसे में मां एक मृत बच्चे को जन्म देती है, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि वह आधा जला बच्चा जिंदा रह जाता है और फिर उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता है.
ऐसे में पालने में पड़ी वो बच्ची भी ऐसी ही लग रही थी कि उस पर किसी ने खौलता हुआ पानी फेंक दिया हो. उस बच्ची के पास कोई मरीज, कोई डॉक्टर, कोई नर्स भी नहीं थी. यहाँ तक कि उसकी मां भी नहीं थी और बच्ची अकेले तिल तिल कर मर रही थी. वह बहुत तड़प रही थी. इसके बाद कैथलीन कहती हैं कि उस दिन उन्हें अपने काम पर ही शर्म आ रही थी.
फिर कैथलीन ने अपनी ही एक साथी से पूछा कि इन बच्चों के साथ क्या किया जाता है, तो सच्चाई सुनकर उसे धक्का सा लगा. वो इसलिए क्योंकि सच्चाई ये थी कि ऐसे बच्चों को या तो यूंही मरने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे वो जितनी बार सांस लें उतनी बार दर्द से मर जाएं या फिर एक बर्तन में रख कर ढक्कन लगा दिया जाता है, ताकि बच्चे का दम घुट जाए और उसकी मौत जल्दी हो जाए. वैसे तो सैलाइन अबॉर्शन अब नहीं किए जाते, लेकिन कई जगहों पर आज भी ऐसा होता है और वहां बच्चों के साथ ऐसी ही हैवानियत होती है. कैथलीन कहती हैं कि किसी महिला के लिए ये उसके जीवन में शायद एक ही बार होगा, लेकिन नर्स के लिए ये कई बार होता है.