वह कूड़े के ढेर पर पड़ी कराह रही थी, जब दिवाकर सिंह की नजर उस पर पड़ी। आस-पास 5-6 सुअर घूम रहे थे। उसके शरीर पर खून लगा था और शरीर के पिछले हिस्से को सुअरों ने खा लिया था। घटना सहरसा के न्यू कॉलोनी की है।
स्थानीय पत्रकार श्री विनय और श्री कुंदन द्वारा इस मामले की सूचना मिलने के बाद सहरसा के बाल संरक्षण पदाधिकारी श्री भास्कर कश्यप से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि बच्ची की स्थिति बहुत खराब है। इन बच्चों को निजी हॉस्पिटल वाले एडमिट भी नहीं करते, लेकिन इस घटना में बच्ची की स्थिति क्रिटिकल होने के कारण सहरसा के विख्यात डॉक्टर ब्रिजेंद्र देव से अनुरोध के बाद बच्ची को उनके नर्सिंग होम में एडमिट कर लिया गया।
बच्ची को बचाने वाले श्री दिवाकर सिंह ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि वह सुबह अपनी दुकान पर जा रहे थे कि रास्ते में कूड़े पर बच्ची को पड़े देखा। ये इलाका शहर का पॉश इलाका है, जहां तमाम बड़े अधिकारी रहते हैं। इसके बावजूद बच्ची को वहां फेंकना ये बताता है कि उसकी हत्या का प्रयास करने वाले को पकड़े जाने का खौफ नहीं था।
उन्होंने ये भी बताया कि बच्ची को सुबह मुंह अंधेरे पैदा होते ही फेंक दिया गया होगा। इसलिए उसके शरीर पर खून भी लगा हुआ था। आस-पास सुअर घूम रहे थे। जब उन्होंने बच्ची को वहां से उठाया तो देखा, उसकी पीठ का कुछ हिस्सा किसी जानवर ने खा लिया है। डॉक्टर के मुताबिक, यह जानवर सुअर हो सकता है। उस इलाके में वैसे भी सुअरों का काफी आतंक है।
पा-लो ना की तरफ से हम बच्ची के जल्द स्वस्थ होने की दुआ करते हैं और चाहते हैं कि उसकी हत्या का प्रयास करने वाले की जल्द गिरफ्तारी हो।
25 फरवरी 2018 सहरसा, बिहार (F)