Call us : +91 9798 4543 21
Send email : info@paalonaa.in
Editor's Corner
PaaLoNaa
  • Home
  • About Us
  • All Events
  • Media
    • Editor’s Corner
    • Latest News on Newborns and Infants in India
    • Media coverage
    • Related Stories
  • Gallery
    • Video Gallery (YouTube)
    • Photo Album
    • Art Gallery
    • Artists
  • Portfolio
  • Supports
  • Contact
  • Home
  • About Us
  • All Events
  • Media
    • Editor’s Corner
    • Latest News on Newborns and Infants in India
    • Media coverage
    • Related Stories
  • Gallery
    • Video Gallery (YouTube)
    • Photo Album
    • Art Gallery
    • Artists
  • Portfolio
  • Supports
  • Contact
Home    रिक्शेवाले ने दी नवजात बच्ची को नई जिंदगी 

Latest News On Infanticide

रिक्शेवाले ने दी नवजात बच्ची को नई जिंदगी 

Spread the news
     

ईख के खेत में मिट्टी और मल से सनी मिली थी वो बच्ची

मेरठ के माछरा इलाके की घटना

28 जून 2022, मंगलवार, मेरठ, उत्तरप्रदेश।

Meerut news Newborn babygirl found abandoned in sugarcane farm of meerut rickshawpuller saved the infant ikh ke khet me mili navjat bachchi

मोनिका आर्य

उस दिन गर्मी बहुत थी। सूरज आग बरसा रहा था। उतनी झुलसती गर्मी में 2 दिन की एक नवजात बच्ची ईख के खेत में जमीन पर लेटी थी। उसके पूरे शरीर पर मिट्टी और पॉटी लगी हुई थी। वह रो रही थी। लघुशंका (पेशाब करने) के लिए वहां पहुंचे एक रिक्शेवाले ने उसकी करुण पुकार सुनी और अस्पताल ले गया।

पालोना को घटना की जानकारी मेरठ चाइल्डलाइन की निदेशिका श्रीमती अनीता राणा से मिली। 

कब और कहां घटी घटना

उन्होंने बताया कि मेरठ के किठौर थाना क्षेत्र स्थित माछरा ब्लॉक के रछौती गांव में मंगलवार को अपराह्न 3 से 4 बजे के बीच 02 दिन की नवजात शिशु ईख के खेत में मिली है।

Date/ Time 28-06-2022/04PM 
State UP
District Meerut
Block Machhra 
Village Rachhoti 
Police Station  Kithore 
Gender of Baby Girl
Age of Baby 02 Days
Life Status  Alive
Police Action GD Entry, No FIR

रिक्शेवाला बना जीवनदाता

वह जमीन पर पड़ी रो रही थी। एक रिक्शेवाला वहां बाथरूम करने के लिए रुका। उसने ही बच्ची को रोते सुना और उसे वहां से उठाकर पास में स्थित सीएचसी ले गया। उसे इतनी समझ थी कि बच्ची को तुरंत अस्पताल ले गया। 

शुरू में तो डॉक्टर्स भी घबरा गए थे। बच्ची के पूरे शरीर पर मिट्टी और पॉटी लगी हुई थी, जिसे वहां के मेडिकल स्टाफ ने साफ किया। उन्होंने बच्ची के सभी टेस्ट किए और पाया कि वह स्वस्थ है। उसका वजन जरूर कम है। यह 2 किलो के आसपास है।

चाइल्डलाइन को शाम 05 बजे डॉक्टर से इसकी सूचना मिली। वो बच्ची 04 बजे के करीब रिक्शेवाले को मिली होगी। हमारी टीम जाकर बच्ची को मेरठ ले आई। यहां लाने से पहले थाने में जीडी एंट्री करवा दी गई है।

https://paalonaa.in/wp-content/uploads/2022/07/VID-20220629-WA0009.mp4

मुंह नहीं खोल पा रही थी बच्ची 

मेरठ में लाने के बाद सबसे पहले उसे दूध पिलाया गया। वह मुंह नहीं खोल पा रही थी। ऐसा लगता है कि उसकी मां ने उसे एक बार भी दूध नहीं पिलाया था। हमने रूई से उसे दूध पिलाया।

बदायूं भेजा जाएगा नवजात को 

अगले दिन यानी 29 जून को सीडब्ल्यूसी के सामने बच्ची को अप्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुत किया गया, जहां से बच्चे को बदायूं भेजा जाएगा। सबसे अच्छी बात यह है कि खेत में पड़े होने के बावजूद बच्ची को किसी कीड़े या जानवर ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था। ऐसा लगता है कि जिसने भी बच्ची को वहां खेत में छोड़ा होगा, उसके कुछ समय बाद ही रिक्शावाला वहां पहुंच गया होगा। ऐसा नहीं हो पाता तो बच्ची को बचाना निश्चित ही मुश्किल होता, क्योंकि सूरज की तपिश ही उसके प्राण लेने को काफी थी।

पालने में छोड़ें सुरक्षित 

अनीता जी ने यह भी बताया कि मेरठ के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के बाहर पालने लगे हुए हैं, जहां कोई भी व्यक्ति अपने शिशु को सुरक्षित छोड़कर जा सकता है। 

पालोना का पक्ष

पालोना भी अपील करता है कि बच्चे को इधर-उधर छोड़ने की बजाय 

  • या तो सीडब्ल्यूसी के समक्ष बच्चे को सेफ्ली सरेंडर कर दें,
  • या अपने जिले में लगे पालने में बच्चे को छोड़ दें,
  • या कम से कम उसके लिए एक सुरक्षित स्थान का चयन जरूर करें, जैसे कोई अस्पताल या कोई सार्वजनिक सुरक्षित स्वास्थ्यकर स्थान।
  • इसके अलावा, पालोना मेरठ पुलिस और सीडब्ल्यूसी से अपील करता है कि इस मामले में आईपीसी 317 के तहत एफआईआर दर्ज की जाए।

असुरक्षित छोड़ना गंभीर अपराध

यह याद रखें कि बच्चे को असुरक्षित छोड़ना बच्चे की हत्या का प्रयास कहलाता है और कानूनन अपराध है। छोड़ने के क्रम में या बाद में बच्चे की यदि मौत हो जाती है तो यह हत्या की श्रेणी में आता है।

सरकार की सेफ सरेंडर पॉलिसी

भारत का कोई भी नागरिक किसी मजबूरी या परिस्थिति की वजह से यदि अपने बच्चे का पालन पोषण करने में असमर्थ है तो वह अपने बच्चे को भारत सरकार को सुरक्षित सौंप सकता है। इसके लिए उसे अपने जिले की बाल कल्याण समिति (CWC) से संपर्क करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रहती है और बच्चे के परिजनों की पहचान उजागर नहीं की जाती। फिर एडॉप्शन के जरिए बच्चे को किसी सही परिवार को गोद दे दिया जाता है।

ये भी पढ़ें –

https://paalonaa.in/punjab-news-furious-father-killed-his-06-month-old-son/

About Us

PaaLoNaa is a cause dedicated to those infants who have been shunned by their own parents. These infants are adandoned in deserted public places like railway lines, ponds, bushes, forests, barren lands for some or the other reasons, compulsions, fears or greed.

Explore PaaLoNaa

  • About Us
  • Photo Gallery
  • Video Gallery (YouTube)
  • Art Gallery
  • Artists
  • CARA
  • CARINGS
  • NCPCR
  • Childline India Foundation
  • PaaLoNaa In Media
  • Media On Infanticide
  • Related Stories
  • The Support

Important Links

State-wise data of Infant spottings
Our Members
The Victims
The Terms & Conditions
© 2023 PaaLoNaa: An initiative of Ashrayani Media Associates & Refined Look Magazine, Supported by Ashrayani Foundation against INFANTICIDE & ABANDONMENT of INFANTS. All rights reserved | Powered by Paalonaa