सड़क के बीचोंबीच मिला नवजात बच्ची का शव
25 नवंबर 2017, छपरा, बिहार।
बिहार राज्य के छपरा जिले में शनिवार की सुबह बड़ी वीभत्स थी। वहां बीच सड़क में एक नवजात बच्ची का शव पड़ा था, जिस पर से गाड़ियां गुजर रहीं थी और कुत्ते उसे नोंच रहे थे। ये दृश्य वहां से गुजर रहे हर व्यक्ति ने देखा, मगर इसे रोकने की जहमत किसी ने नहीं की। भीड़ वहां खड़ी तमाशा देखती रही।
एक राहगीर की नजर नौ-साढ़े नौ बजे के आस-पास उस पर पड़ी और उसने एक स्थानीय रिपोर्टर श्री धर्मेंद्र रस्तोगी को इस घटना की सूचना दी। छपरा क्लब के नजदीक केनरा बैंक और पेट्रोल पंप के सामने का यह क्षेत्र भगवान बाजार थाना क्षेत्र में पड़ता है। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए श्री रस्तोगी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए और पुलिस को मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक राहगीर ने उन्हें इस बच्ची का वीडियो बनाकर भेजा था। उसमें बच्ची मृत थी, मगर वह ठीक हालत मे दिख रही थी।
लेकिन कुछ देर बाद जब वह उस जगह पहुंचे तो देखा, बच्ची को कई गाड़ियों ने कुचल दिया था। उनके देखते ही देखते एक कुत्ता वहां पहुंच गया और उस बच्ची को अपना आहार बनाने लगा। तब श्री रस्तोगी ने ही उस कुत्ते को वहां से भगाया। बच्ची वहां कैसे पहुंची, इसके सिर्फ कयास ही लगाए जा सकते हैं, क्योंकि बच्ची को वहां फेंकने वाला अब तक कानून की पकड़ से दूर है।
जहां बच्ची मिली है, वहां आस-पास कुछ नर्सिंग होम्स हैं, लेकिन कोई भी नर्सिंग होम दिन दहाड़े इस कार्य कोअंजाम देने का दुस्साहस नहीं करेगा। आशंका यही है कि या तो बच्ची की जन्म के दौरान ही मौत हो गई होगी और उसके जन्मदाताओँ ने उसे घर ले जाने की बजाय उसे वहां चलती गाड़ी से फेंक दिया। या फिर बच्ची होने की वजह से उसे वहां फेंक दिया गया। चलती गाड़ी से और ऊंचाई से गिरने की वजह से बच्ची की मौत हो गई। मगर इस पूरे घटनाक्रम में कुछ बातें गौर करने लायक हैं- बच्ची के शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था।
बच्ची सड़क के बीचोंबीच फेंकी हुई थी। जिस तरह से बच्ची वहां गिरी हुई थी, उससे यही अंदाजा लग रहा था कि उसे चलती गाड़ी से ही फेंका गया है। अगर ऐसा नहीं होता तो उसे सड़क किनारे भी रखा जा सकता था।
ये भी हो सकता है कि बच्ची को वे कहीं ले जा रहे होंगे और बच्ची उनके हाथ से फिसल गई। ये काम दिन के उजाले में ही अंजाम दिया गया था। सबसे पहले लोगों की निगाह नौ बजे के आस-पास उस बच्ची पर पड़ी।
एक बच्चे के सड़क के बीच में पड़ा होने पर भी किसी गाड़ी वाले ने वहां रुकने, उसे वहां से उठाने या उसकी साईड से निकलने का प्रयास नहीं किया। पुलिस भी घटनास्थल पर कई घंटों तक नहीं पहुंची थी।