अपने जैसी अनेक अन्य बच्चियों की तरह वह भी निश्चेष्ट सड़क किनारे पड़ी थी। प्राण न जाने कब का साथ छोड़ चुके थे। पहले प्राण निकले या परिजनों ने उसे छोड़ा, ये भी कहना मुश्किल है। घटना
कानपुर देहात के झींझक में मंगलपुर थाना क्षेत्र के गढ़ी गांव में घटी।
सोमवार सुबह-सुबह उस क्षेत्र में नवजात कन्या का शव मिलने से वहां का माहौल कुछ उदास, कुछ सशंकित हो उठा। तरह-तरह की काना-फूसी होने लगी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है।
भीड़ में मौजूद महिलाओं ने बच्ची की मां को उसकी इस हालत का जिम्मेदार मान कोसना शुरू कर दिया। चौकी प्रभारी झीझक श्री वीरेन्द्र यादव ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया है। साथ ही यहा शव कहां से आया इसकी भी छानबीन की जा रही है।
पा-लो ना को बहुत प्रयासों के बाद भी इस संबंध में कुछ और जानकारी नहीं मिल सकी है। न ही इस बच्ची की फोटो या विजुअल ही उपलब्ध हो सका है। यही वजह है कि इस घटना में बच्ची की मौत का कारण और दोषियों का अंदाजा लगाना थोड़ा कठिन है। ये बताना मुश्किल है कि बच्ची की मां ने उसे छोड़ा या अन्य किसी परिजन ने। आमतौर पर हमारे समाज में किसी बच्चे के साथ कुछ भी घटित होने पर मां को ही उसका जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। इस घटना में ग्रामीण महिलाओं द्वारा मां को दोषी ठहराना उसी मनोवृत्ति का परिचायक है। कारण जो भी हो, बच्ची को इस तरह छोड़ना कानूनन अपराध तो है ही। महत्वपूर्ण ये है कि पुलिस केस दर्ज कर मामले की ईमानदारी से जांच-पड़ताल करे।
03 दिसंबर 2018 कानपुर, उत्तर प्रदेश (F)