क्या हुआ – एक नवजात शिशु को गत्ते के डिब्बे में पैक करके करमाटांड थाना क्षेत्र के विद्यासागर रेलवे स्टेशन के पास छोड़ दिया गया। यह शिशु एक लड़का था। उसकी गर्भनाल भी उसके साथ ही लगी थी। इसे कब छोड़ा गया, इसे लेकर प्रत्यक्षदर्शियों से लेकर पुलिस और मीडिया
तक कयास ही लगा रहे हैं। बच्चे के वहां होने का पता सोमवार 08 अप्रैल की सुबह चला, जब कुछ लोगों की नजर उस डिब्बे पर पड़ी और उन्होंने उसे खोलकर देखा। वहां शिशु का शव था। अपराह्न करीब तीन-चार बजे तक रेलवे पुलिस और करमाटांड
पुलिस के बीच इस बात को लेकर बहस होती रही कि वह किसके अधिकार क्षेत्र में मिला है और किसे उसकी जिम्मेदारी उठानी चाहिए। अंत में करमाटांड पुलिस ने प्राथमिक जांच-पड़ताल के बाद स्थानीय लोगों की मदद से उसका अंतिम संस्कार कर
दिया।
सरकारी पक्ष – करमाटांड थाना प्रभारी श्री भास्कर झा ने पा-लो ना को बताया कि यह शिशु एक दिन का भी नहीं था। उन्होंने आस-पास के काफी लोगों से पूछताछ की। उस वक्त मीडिया भी वहां मौजूद था, लेकिन कुछ भी पता नहीं चला। थाना
प्रभारी ने आशंका जताई कि वह शिशु नाजायज होगा, इसलिए किसी ने मारकर फेंक दिया होगा। ये भी हो सकता है कि वह मृत ही पैदा हुआ हो। पा-लो ना द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं हुआ है, न ही
शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है। पा-लो ना ने उन्हें प्रक्रिया की जानकारी दी, आईपीसी के सेक्शंस बताए और साथ ही उनसे अपील की कि इस तरह किसी शिशु के परित्यक्त मिलने पर केस अवश्य दर्ज किया जाना चाहिए, ताकि इस अपराध पर लगाम
लगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसी घटना होने पर निश्चित तौर पर वे केस दर्ज करेंगे।
पा-लो ना का पक्ष – पा-लो ना को इस घटना की जानकारी एक पत्रकार (गोपनीय) और समाजसेवी श्रीमती अनु पोद्दार से मिली। हमें आशंका है कि यह एक हत्या है। तस्वीर को देखने से उसके चेहरे पर काफी सूजन नजर आ रही थी। हालांकि थाना
प्रभारी ने इससे इनकार किया। आशंका की पुष्टि के लिए पा-लो ना ने कुछ स्थानीय पत्रकारों से संपर्क किया। इन्हीं में से एक प्रत्यक्षदर्शी पत्रकार श्री धनंजय मंडल ने इस आशंका को सही बताया। उन्होंने बताया कि बच्चे के शरीर
पर ऐसे निशान भी नजर आ रहे थे, जैसे किसी ने उसे जबरदस्ती नुकसान पहुंचाने की कोशिश की हो। उन्हें भी यही लगता है कि पुलिस ने इस मामले को रफा-दफा कर दिया है। पा-लो ना ने इस घटना की जानकारी जामताड़ा के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी
को देकर उनसे इस मामले का संज्ञान लेने और एफआईआर दर्ज करवाने का अनुरोध किया है। अगर पा-लो ना की आशंका सही है तो एक मासूम बच्चे के हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं, जिन्होंने एक नन्हे बच्चे को बिना किसी अपराध के ही कत्ल की
इतनी बड़ी सजा सुना दी। इसकी सच्चाई सामने आना जरूरी है।
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08 April 2019 Jamtara, Jharkhand (M)