Call us : +91 9798 4543 21
Send email : info@paalonaa.in
Editor's Corner
PaaLoNaa
  • Home
  • About Us
  • All Events
  • Media
    • Editor’s Corner
    • Latest News on Newborns and Infants in India
    • Media coverage
    • Related Stories
  • Gallery
    • Video Gallery (YouTube)
    • Photo Album
    • Art Gallery
    • Artists
  • Portfolio
  • Supports
  • Contact
  • Home
  • About Us
  • All Events
  • Media
    • Editor’s Corner
    • Latest News on Newborns and Infants in India
    • Media coverage
    • Related Stories
  • Gallery
    • Video Gallery (YouTube)
    • Photo Album
    • Art Gallery
    • Artists
  • Portfolio
  • Supports
  • Contact
Home    काश, उन्होंने उसे बचाने का कुछ तो प्रयास किया होता…

Latest News On Infanticide

काश, उन्होंने उसे बचाने का कुछ तो प्रयास किया होता…

Spread the news
     


उन्हें शायद जिंदा ही फेंक दिया गया था और आस-पास के कुत्तों को उनकी गंध मिल गई थी। बच्चे भी शायद दो थे, जैसा कि प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया। वे बोरे में बंद थे, जिनमें से एक को कुत्ते खींच कर बाहर निकाल लाए। उसका हश्र वही हुआ, जो इस तरह के मामलों मे अब तक होता आया है। वह कुत्ते के मुंह में तड़पता रहा। जब तक लोग उस कुत्ते को भगाते और उसे बचाते, वह दम तोड़ चुका था। घटना जमुई के बोधवन तालाब रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के पास घटी।

स्थानीय पत्रकार श्री राजेश और श्री प्रशांत किशोर ने पा-लो ना को बताया कि रात में किसी वक्त उन बच्चों को वहां फेंका गया था। जिसे कुत्ते ने अपना निवाला बनाया, वह एक लड़का था। वह भी शायद दूसरे बच्चे के साथ उसी बोरे में बंद था, जो समीप ही नाले में पड़ा था। कुत्तों ने ही उसे खींचकर बाहर निकाला होगा। एक बच्चे के हवाले से श्री राजेश ने बताया कि जिस वक्त कुत्ता उसे खा रहा था, वह जिंदा था और तड़प रहा था। लेकिन किसी की भी हिम्मत उसे बचाने की नहीं हुई। लोग पुलिस के आने का इंतजार करते रहे।

उसकी स्थिति देखकर बोरे में बंद दूसरे बच्चे को देखने का साहस कोई नहीं जुटा सका। इसलिए उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी। राजेश जी ने ये भी बताया कि शायद किसी व्यक्ति ने फेंकने वाले को भी देखा था, लेकिन वह स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बता रहा था। और कैमरे पर तो कोई दूसरे बच्चे के बारे में भी बताने को राजी नहीं था। ये भी मालूम हुआ कि दूसरे बच्चे को जल्द ही वहां से हटा दिया गया था। और कुत्ते द्वारा खाए गए लड़के के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था।

अफसोस की बात है कि बहुतायत में हो रही इन घटनाओं की तरफ अभी भी समाज और प्रशासन का नजरिया लापरवाही भरा है। इसे अभी भी सामाजिक समस्या समझा जा रहा है। इन घटनाओं को लेकर अभी भी पुलिस और प्रशासन के स्तर पर कोई गंभीर प्रयास होते नजर नहीं आ रहे। यही वजह है कि नवजात शिशुओं को फेंकने वाले, उनके हत्यारे, उनके दोषी खुलेआम घूमते रहते हैं और कई बार उसी भीड़ का हिस्सा होते हैं, जो वहां खड़ी तमाशा देखती है, लेकिन इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाती।
09 मार्च 2018 जमुई, बिहार (M,U)

About Us

PaaLoNaa is a cause dedicated to those infants who have been shunned by their own parents. These infants are adandoned in deserted public places like railway lines, ponds, bushes, forests, barren lands for some or the other reasons, compulsions, fears or greed.

Explore PaaLoNaa

  • About Us
  • Photo Gallery
  • Video Gallery (YouTube)
  • Art Gallery
  • Artists
  • CARA
  • CARINGS
  • NCPCR
  • Childline India Foundation
  • PaaLoNaa In Media
  • Media On Infanticide
  • Related Stories
  • The Support

Important Links

State-wise data of Infant spottings
Our Members
The Victims
The Terms & Conditions
© 2023 PaaLoNaa: An initiative of Ashrayani Media Associates & Refined Look Magazine, Supported by Ashrayani Foundation against INFANTICIDE & ABANDONMENT of INFANTS. All rights reserved | Powered by Paalonaa