कोडरमा की झाड़ियों में तालाब किनारे मिली नवजात

05 सितंबर 2021, कोडरमा, झारखंड
मोनिका आर्य
क्या हुआ
रविवार की सुबह नौ-साढ़े नौ बजे का वक्त होगा, जब संजय पंडित तालाब के पास से गुजर रहे थे कि उनके पड़ौस में रहने वाली किशोरवय रिंकी ने उन्हें आवाज दी। उसने बताया किवहां नजदीक स्थित झाड़ियों में एक छोटी सी बच्ची रो रही है। उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं है और चींटियां उसे काट रही हैं।
ये घटना कोडरमा जिले के नवलशाही थाना क्षेत्र के डगरनावां में घटी। पा-लो ना को घटना की जानकारी कोडरमा के वरिष्ठ पत्रकार कुंतलेश पांडे ने दी, जिसके बाद नवलशाही थाना प्रभारी एसआई इकबाल हुसैन व बच्ची को बचाने वाले संजय पंडित से बात की गई।
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सरकारी व अन्य पक्ष
आज सुबह एक बच्ची डगरनावां गांव में तालाब के पास मिली है। संजय पंडित नामक व्यक्ति ने बच्ची को झाड़ियों में सबसे पहले देखा और उसे अपने घर ले जाकर, नहलाकर, दूध वगैरह पिलाया। उन्होंने ही बच्ची की नाभि भी कटवाई। फिर चाइल्ड लाइन की टीम से सुनीता देवी और मुनीश कुमार आकर बच्ची को अपने साथ ले गए हैं। इस मामले में फिलहाल कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
- एसआई इकबाल हुसैन, पुलिस स्टेशन प्रभारी, नवलशाही, कोडरमा।
रिंकी की बात सुन हम तुरंत झाड़ियों की तरफ लपके और देखा कि बच्ची खून में लथपथ है। उसकी गर्भनाल और प्लेसेंटा भी साथ ही लगा है। हमने बच्ची को वहां से निकाला और 10 कदम पर स्थित अपने घर की तरफ दौड़ गए। गांव की ही एक दाई व एक स्थानीय ग्रामीण डॉक्टर को भी हमने घर बुला लिया। दाई ने बच्ची की नाल काटी और डॉक्टर ने बच्ची को देखकर बताया कि वह स्वस्थ है।
बच्ची को गर्म पानी से नहलाकर उसे साफ-स्वच्छ कपड़े पहनाकर हमने उसे तैयार कर दिया। इसमे हमारी पत्नी सरिता देवी ने हमारा साथ दिया। हमने सोचा कि बच्ची को हम अपने निस्संतान चाचा को सौंप देंगे, ताकि बच्ची का पालन-पोषण अच्छी तरह हो। हमें नहीं मालूम था कि बच्चे को अनधिकृत रूप से अपने पास रखना गंभीर अपराध है। इसी दौरान चाइल्ड लाइन सतगांवा की टीम स्थानीय पुलिस के साथ हमारे पास पहुंची। हमने बच्ची को उन्हें सौंप दिया। हमारे चाचा का परिवार उस बच्ची को कानूनन गोद लेना चाहता है।
- श्री संजय पंडित, बच्ची को बचाने वाले ग्रामीण, डगरनावां, कोडरमा।
बच्ची को हम पहले डोमचांच रेफरल अस्पताल लेकर गए थे, लेकिन वहां कोई डॉक्टर नहीं मिला। वहां से उसे सदर अस्पताल कोडरमा में लाए और डॉक्टर को दिखा दिया है। डॉक्टर के मुताबिक, बच्ची स्वस्थ है। बच्ची को शिशु गृह भेज दिया गया है।
- श्री मनीष कुमार, चाइललाइन मेम्बर, सतगांवा, कोडरमा।
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पा-लो ना का पक्ष
- *बच्ची को कम से कम दो दिन डॉक्टर्स की निगरानी में रखना चाहिए था। यदि चींटियों ने उसे कोई आंतरिक नुकसान पहुंचाया होगा या झाड़ियों में मिलने की वजह से कोई इन्फेक्शन होगा तो ये उस नन्ही मासूम बच्ची के लिए जानलेवा हो सकता है।
- *यह घटना प्रथम दृष्ट्या आईपीसी 317 और जेजे एक्ट सेक्शन 75 के तहत दर्ज होनी चाहिए। इसके लिए संबंधित थाना प्रभारी से अनुरोध किया गया है।
- *शिशु हत्या व उनका असुरक्षित परित्याग एक गंभीर अपराध है, इसके बारे में और सरकार की सेफ सरेंडर पॉलिसी के बारे में जन जन को जागृत किया जाए।
- *लीगल एडॉप्शन की सही जानकारी आम लोगों को नहीं है। इस पर शिशु संरक्षण व बाल कल्याण से जुड़ी सरकारी एजेंसियों व संगठनों को काम करने की जरूरत है।
- *मास अवेयरनैस के अलावा, सभी आंगनबाड़ी वर्कर्स, सभी सरकारी-निजी अस्पतालों, जच्चा-बच्चा केंद्रों में सेफ सरेंडर व एडॉप्शन की जानकारी के साथ-साथ संबंधित जिला अधिकारियों के फोन नंबर भी डिस्प्ले किए जाएं।
- *साथ ही इन अपराधों में लगने वाली कानूनी धाराओं को भी प्रमुखता से डिस्प्ले किया जाए।
- *पा-लो ना बच्चे को बचाने वाले संजय पंडित व किशोरी रिंकी का शुक्रगुजार है, जिनकी सतर्कता ने बच्ची को झाड़ियों से निकाल गोद तक पहुंचा दिया।
- *उनके साथ-साथ सभी सहयोगियों का भी आभार, जिन्होंने घटना की सूचना दी, बच्ची की स्थिति के बारे में अपडेट किया और घटना की तह तक पहुंचने में मदद की।