क्या हुआ –
शनिवार दोपहर एक नवजात बच्ची महिला बहुतकनीकी संस्थान के पास से बहने वाली माईनर में
बहती आ रही थी। स्थानीय लोगों की नजर उस पर पड़ी तो उसे बाहर निकाला गया। बच्ची के शरीर
पर कपडे का एक टुकड़ा तक नहीं था। उसकी गर्भनाल भी साथ लगी थी। इसी से अंदाजा लगाया गया
कि बच्ची को जन्म देते ही पानी में डाला गया है।
जब वह मिली, उसके जिंदा होने का शोर मच गया, लेकिन बाहर निकालने के बाद अहसास हुआ कि
उसकी मृत्यु हो चुकी है। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों में मायूसी छा गई। वे आहत थे कि
एक बच्ची को मार दिया गया। उन्हें विश्वास था कि यदि उसके स्थान पर बेटा होता, तो उसे न
तो कोई छोड़ता और न ही उसकी हत्या करता।
स्थानीय पत्रकार श्री भूपेंद्र ने पालोना को बताया कि जिस क्षेत्र में बच्ची का शव मिला
है, वह जेजे कॉलोनी कहलाता है। यह पूरा रेड लाईट एरिया है। कुछ ही दूरी पर सिविल
अस्पताल है। माईनर उसके सामने से बहती है। अगर बच्ची को अस्पताल के बाद देखा जाता, तो
अस्पताल से इस घटना के तार जुड़ सकते थे, लेकिन असल में बच्ची के शव को अस्पताल से पहले
ही देख लिया गया था।
सरकारी पक्ष –
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह ने पालोना को बताया कि इस घटना को आईपीसी 317
के तहत दर्ज कर लिया गया है। उनके मुताबिक, बच्ची की उम्र 8-9 माह लग रही थी। सिरसा में
पोस्टमार्टम नहीं होने पर बच्ची के शव को सोमवार को अग्रोहा भेजा गया है। रिपोर्ट आऩे
के बाद मृत्यु का कारण पता चल पाएगा।
पा-लो ना का पक्ष –
वीडियो क्लिप देखने और पुलिस व रिपोर्टर से बातचीत के बाद पालोना को दो बातों की आशंका
है। पहली तो ये कि बच्ची का जन्म किसी अस्पताल में न होकर घर में या कहीं और करवाया गया
है। और दूसरा ये कि इस बच्ची की हत्या हुई है। हालांकि मौत की असली वजह पोस्टमार्टम
रिपोर्ट के बाद ही मालूम चल सकेगी।
पालोना को ये भी लगता है कि इस केस में दर्ज आईपीसी का सेक्शन 317 सही नहीं है। यह
सेक्शन जीवित बच्चों (जीरो से 12 साल) को त्याग देने या छोड़ देने के मामलों में लगाया
जाता है। इस मामले में प्रथम द्ष्ट्या इस केस में आईपीसी सेक्शन 318 लगनी चाहिए, जो
गुपचुप तरीके से शव को डिस्पॉज ऑफ करके बच्चे के जन्म को छुपाने के मामलों में लगती है।
लेकिन यदि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हो जाए तो फिर आईपीसी 315, 302 और
जेजे एक्ट की 75 के साथ साथ आईपीसी 34 भी लगनी चाहिए, यदि इसे अंजाम देने में एक से
ज्यादा लोग शामिल हों। पालोना द्वारा सिरसा पुलिस को कानून संबंधी इन तथ्यों से वाकिफ
कराया गया।
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20 July, 2019 Sirsa, Haryana (F, D)