काले रंग के एक बड़े से पॉलीथिन को एक कुत्ता मुंह में दबाए चला जा रहा था कि राहगीरों की नजर उस कुत्ते, कुत्ते के मुंह में पकड़े हुए पॉलीथिन और उसमें बंद बच्चे पर पड़ी। यह एक नवजात लड़के का शव था। लोगों ने कुत्ते को भगाया और पुलिस को सूचित किया। घटना बाड़मेर स्थित बालोतरा में रेलवे फाटक संख्या 01 के पास रविवार शाम को घटी।
पत्रकार श्री ब्रजेश की सूचना पर टीम पा-लो ना ने बाड़मेर के पत्रकार श्री सवाई सैन ने संपर्क किया तो उन्होंने घटना की पूरी जानकारी दी। श्री सैन ने बताया कि बालोतरा स्थित रेलवे फाटक संख्या एक के पास कुत्ता एक काले रंग के पॉलीथिन को मुंह में दबाए जा रहा था। उसमें एक नवजात शिशु था। लोगो ने जब ये वीभत्स दृश्य देखा तो तुरंत कुत्ते को वहां से भगाया और पुलिस को बुलाया। पुलिस आई तो मामला जीआरपी को सौंपा गया। पुलिस बच्चे के शव को लेकर चली गई।
श्री सैन ने बताया कि बच्चे के शरीर पर कुत्ते के काटने के निशान भी थे। ये कहना मुश्किल है कि उसे वहां जिंदा फेंका गया था या मौत के बाद। उनके अनुसार, बालोतरा में इस तरह की घटनाएं आम हैं। वहां 09 मई को भी एक नवजात शिशु मिला था, लेकिन वह जिंदा था, जिसे बाद में जोधपुर स्थित शिशु गृह भेज दिया गया था। वह भी एक लड़का ही था। उन्होंने शिकायती लहजे में कहा कि पुलिस इन मामलों में संजीदगी से जांच पड़ताल नहीं करती, इसी वजह से कई दिन बीतने के बाद भी दोषी कभी नहीं पकड़े जाते।
टीम पा-लो ना का भी यही मानना है कि पुलिस यदि गंभीरता से केस दर्ज करके जांच पड़ताल करे तो दोषियों को पकड़ा जा सकता है। किसी इलाके में यदि एक बार दोषी पकड़े गए तो इस अपराध को अंजाम देने वालों में खौफ पैदा होगा, जिसका परिणाम होगा कि घटनाओं में कमी आ सकेगी। इसके अलावा प्रभावित इलाकों में ज्यादा से ज्यादा जागरुकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को ये बताना होगा कि वे अपने बच्चों को सुरक्षित हाथों में सरेंडर कर सकते हैं, जो पूरी तरह से कानूनी है।
03 जून 2018 बाड़मेर, राजस्थान (M)