वह बेजान पड़ी थी पटरियों के बीच, ट्रेन से कुचली हुई। ज़िंदा ही कुचल दी गई थी या मृत देह पर ट्रेन के पहिये दौड़े थे, ये कहना मुश्किल है। अंतिम सच इतना ही है कि रिश्तों का, सम्वेदनाओं का, मानवता का जनाजा निकल चुका था। घटना धनबाद जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या तीन के रेलवे ट्रैक पर 31 जनवरी को घटी।
स्थानीय पत्रकार श्री राजकुमार के मुताबिक, धनबाद के रेलवे ट्रैक पर पड़े उस नवजात बच्ची के शव को सबसे पहले सफाई कर्मी ने देखा और उसने ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों तथा जीआरपी को इसकी सूचना दी। जल्द ही वहां सनसनी फैल गई और जीआरपी के डीएसपी विनोद कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्ची के शव को उठवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।
मालूम हो कि सप्ताह भर पहले भी इस तरह की एक घटना धनबाद के सरायढेला में घटी थी, जहां एक नवजात बच्ची का शव प्लास्टिक की थैली में रख कर फेंक दिया गया था। उस वक्त सरायढेला थाने की पुलिस ने आसपास के निजी नर्सिंग होम में पूछताछ की थी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया था। लेकिन उस मामले में पुलिस ने कोई केस दर्ज नहीं किया था। मौजूदा मामले में भी किसी एफआईआर की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।
31 जनवरी 2018 धनबाद, झारखण्ड (F)