महाराष्ट्र में एक बच्ची को एक ऐसे ऑटो में छोड़ दिया गया, जो लगभग कबाड़ हो चुका था और कई महीनों से सड़क किनारे खड़ा था। किसी को भी उसमें किसी बच्चे के होने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं थी।
बच्ची को वहां छोड़ने वाले बच्ची को भी शायद कबाड़ से अधिक कुछ नहीं समझते थे, मगर किसी के लिए उसकी जान बहुत कीमती थी। इसलिए भगवान ने एक ऐसे शख्स को वहां भेज दिया, जिसने उस बच्ची की जान बचा
ली। यह घटना मुंबई शहर के कांजुर मार्ग इलाके में रविवार रात तकरीबन 10 बजे घटी। मुंबई के भांडुप इलाके के रहने वाले अमन पैदल अपने घर जा रहे थे। जैसे ही वे कांजुर मार्ग पर आगे बढ़े, एक ऑटो रिक्शा के अंदर
से उन्हें बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। अमन ने मोबाइल फोन की लाइट से अंदर देखा तो वहां दो-तीन दिन की एक बच्ची बिलख रही थी। बच्ची की हालत को देख ऐसा लग रहा था मानों वह कई घंटों से भूखी हो।
आसपास पूछताछ करने पर भी अमन को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद अमन ने बच्ची की तस्वीरें खींच कर उन्हें ट्विटर पर डाल दिया और मुंबई पुलिस से हेल्प मांगी। मुंबई पुलिस ने निराश नहीं
किया। वह कुछ ही देर में अमन के पास पहुंच गई और बच्ची को अपनी कस्टडी में ले लिया। बच्ची को मुंबई के सायन हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया, जहां बच्ची की हालत ठीक है। अमन के इस नेक काम की सोशल
मीडिया पर जमकर तारीफ हुई। टीम पा-लो ना भी अमन के प्रति आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए बच्ची को बचाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। इस देश को आज ऐसे कई अमन की
जरूरत है, जो इन नवजात शिशुओं को बचा सकें।
19 नवंबर 2017मुंबई, महाराष्ट्र (F)