बेटी की चाहत में बेटे की हत्या का अनोखा मामला
राजस्थान के झालावाड़ में आरोपी मां गिरफ्तार
22 जुलाई 2022, शुक्रवार, झालावाड़, राजस्थान।
राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक अजीब मामला सामने आया है। एक मां ने अपने तीन दिन के बेटे को पानी में डुबो दिया। आरोपी मां को बेटी की चाहत थी। वह अवसाद की शिकार बताई जाती है।
पालोना को घटना की सूचना गूगल सर्फिंग के दौरान मिली। स्थानीय मीडिया की कई रिपोर्ट्स पढ़ने के बाद जो कहानी निकलकर सामने आई, इसके अनुसार, ये घटना कामखेड़ा थाना क्षेत्र के मोगिया बेह गांव की है, जो 22 जुलाई को वहां घटी।
इस गांव में श्री रामचंद्र लोधा अपने परिवार के साथ रहते हैं। शनिवार, 23 जुलाई की सुबह रामचंद्र थाने में पहुंंचे। उन्होंने पुलिस से अपने तीन दिन के पोते को ढूंढने के लिए मदद मांगी,जिसे उनकी बहु रेखा ने 20 जुलाई को जन्म दिया था। अन्य ग्रामीणों को साथ लेकर पुलिस उनके पोते को ढूंढने निकली। उसका शव श्री लोधा के घर के पास वाले क्षेत्र में गड्ढे के पानी में तैरता मिला।
रेखा को बेटी की चाहत थी, पति ने नहीं देखी थी बेटे की सूरत
पुलिस की जांच में ये निकलकर सामने आया कि श्री लोधा की बहु श्रीमती रेखा देवी ने 20 जुलाई, बुधवार को मनोहरथाना अस्पताल में बेटे को जन्म दिया था। इस मौके पर रेखा के पति श्री कालूलाल राजस्थान एलिजिबिलिटी एग्जामिनेशन फॉर टीचर (REET) की वजह से घर नहीं आ सके। वह एग्जाम की तैयारी के लिए अकलेरा में रहते हैं। उन दोनों के पहले से भी एक बेटा है। रेखा इस बार बेटी चाहती थी।
22 जुलाई को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज करवाकर घर लाया गया था। रात करीब एक बजे रेखा के देवर भगवान लाल ने रेखा को घर में घुसते देखा तो आशंका हुई। पूछने पर रेखा ने कहा कि वह शौच के लिए बाहर गई थी, जबकि घर में शौचालय था। बच्चे के बारे में पूछने पर रेखा ने कहा कि कोई जानवर ले गया होगा।
इस पर वहां हड़कंप मच गया। घर के सभी सदस्यों को जगाकर बच्चे की खोज की गई। लेकिन वह नहीं मिला। तब अगले दिन श्री लोधा पुलिस की मदद लेने थाने पहुंचे। थाना प्रभारी श्री धनराज गोचर ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।
अवसाद की मरीज है रेखा
ये भी मालूम चला है कि रेखा पहले से अवसाद की मरीज है। गर्भावस्था की वजह से डिप्रेशन की दवाइयां बंद कर दी गईं थीं कि कहीं बच्चे को कोई नुकसान न हो जाए। दवाइयों का बंद होना भी रेखा के मूड को ट्रिगर करने का कारण बन सकता है।
पालोना का पक्ष
गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अकसर अवसाद (डिप्रेशन) का शिकार हो जाती हैं। ऐसा रिसर्च कहती है। उनमें मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ाहट बढ़ जाती है। ऐसे में पहले से अवसाद ग्रस्त महिला की दवाइयां यदि बंद कर दी जाएं तो दुष्परिणाम का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। पति का ऐसे समय पर साथ नहीं होना भी मां के मूड को नकारात्मक तरीके से प्रभावित कर सकता है।
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