वह महज चंद घंटों की थी। दुनिया की रवायत और कायदे कानून से वाकिफ नहीं थी। उसकी नन्हीं आंखें अभी ठीक से खुल भी नहीं पाई थी कि दुनिया का वहशी चेहरा सामने आ गया। और इसे सामने लाने वाला कोई और नहीं उसका अपना पिता था, जो उसे जिंदा दफनाने चला था क्योंकि वह उसकी तीसरी बेटी थी। घटना खीरी के खमरिया चौकी क्षेत्र के शेखनापुर गांव में शनिवार को घटित हुई।
पा-लो ना टीम को जानकारी मिली थी कि शेखनापुर गांव की रेणु देवी नामक महिला ने खमरिया सीएचसी में शुक्रवार 01 जून को तीसरी बेटी को जन्म दिया। इससे पहले उन्हें तीन और पांच साल की दो बेटियां थीं। बच्ची के पिता को ये बर्दाश्त नहीं हुआ। वह शराब के नशे में पत्नी और बच्चों को लेकर घर पहुंचा और पत्नी से नवजात शिशु को लेकर जिंदा दफनाने चल पड़ा। शराब के नशे में ही वह इस बात को बड़बड़ाता जा रहा था कि कुछ ग्रामीणों ने इसे सुन लिया। उन्होंने तत्परता दिखाई और 100 नंबर डायल करके पुलिस को मामले की सूचना दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पीआरवी 2894 मात्र 11 मिनट में मौके पर पहुंच गई और ग्रामीणों की निशानदेही पर बच्ची को हैवान बाप के चंगुल से छुड़ाने में कामयाब रही। बच्ची को उसकी दादी के सुपुर्द कर दिया गया। पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की जांच जारी है।
टीम पालोना शेखनापुर गांव के सक्रिय और संवेदनशील ग्रामीणों के साथ साथ पीआरवी 2894 में मौजूद टीम की शुक्रगुजार है, जिनकी तत्परता ने एक नन्ही जान को बचा लिया। अगर पिता को छोड़ दिया जाता है तो उस नन्ही सी जान पर हमेशा संकट मंडराता रहेगा। पिता को समझाने के साथ-साथ उनका नशा छुड़ाने का भी उपाय करना होगा, ताकि वह फिर कभी नशे की आड़ में ऐसी हरकत न कर सके। टीम स्थानीय मीडिया का भी शुक्रिया अदा करती है, जिसने इस घटना को प्रमुखता से अपने अपने अखबार में स्थान दिया और इस मसले पर सबको जागरुक किया।
02 जून 2018 खीरी, उत्तर प्रदेश (F)