उन्होंने ट्रैक पैंट में बच्ची को लपेटा और बहुत सहेज कर खेत में रख दिया। इस बात का भी ध्यान रखा कि कहीं बच्ची का मुंह बंद होने से उसकी सांस न घुट जाए। घटना शनिवार को सुपौल जिले के छातापुर थाना अन्तर्गत मोहनपुर कटहरा पंचायत के मोहनपुर गाँव वार्ड 7 स्थित मक्का के खेत के समीप नहर किनारे घटी।
स्थानीय पत्रकार श्री सुमन सौरभ ने बताया कि मक्का के खेत की आड़ पर ट्रैक पैंट में लिपटी बच्ची के रोने की आवाज ने पास से गुजर रही कुछ महिलाओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। उनसे जानकारी मिलने के बाद कुछ ही देर में वहां गाँव के लोग इकट्ठे हो गये।
सबका यही मानना था कि जिस मां ने इस शिशु को वहां फेंका है, उसका भला नहीं होगा। देखा किसी ने किसी को नहीं था, बच्ची को वहां रखते, लेकिन सब मां को ही दोषी ठहरा रहे थे। ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय थाने को दी। पुलिस मेडिकल चैक-अप के लिए उसे स्थानीय पीएचसी ले गई। बच्ची स्वस्थ है, फिलहाल उसे मोहनपुर कटहरा गाँव के ही मनमोध यादव को देखभाल के लिए सौंप दिया गया है। मनमोध के कोई संतान नहीं है।
पा-लो ना के माध्यम से ये सूचना सुपौल की चाईल्ड वेलफेयर कमेटी को भी मिल गई है। कमेटी से जुड़े श्री भगवान पाठक ने पा-लो ना को बताया कि जल्द ही बच्ची को वहां से रिकवर कर लिया जाएगा।
मालूम हो कि मौखिक रूप से किसी को भी बच्चा गोद लिया-दिया नहीं जा सकता। इसके लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। देखने में आया है कि बच्चे ज्यादा दिन किसी परिवार में रह जाते हैं तो उस परिवार का बच्चे से मोह हो जाता है। फिर उन्हें रिकवर करने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसलिए जब भी किसी को कोई बच्चा कहीं मिलता है तो इसकी सूचना पुलिस थाने, सीडब्लूसी (चाईल्ड वेलफेयर कमेटी), चाईल्ड लाईन या पा-लो ना को 9798454321 पर दी जा सकती है।
17 मार्च 2018 सुपौल, बिहार (F)