क्या हुआ –
कैथल जिले के खेड़ी शेरखां गांव में मंगलवार शाम पांच बजे के करीब एक नवजात बच्ची के रोने की आवाज ने ग्रामीणों का ध्यान खींचा। जब वे उसके पास पहुंचे तो देखा कि बच्ची बिना कपड़ों के जमीन पर पड़ी है और उसके चेहरे और शरीर के अन्य हिस्से को कुत्तों ने अपना निशाना बना लिया है। उन्होंने बच्ची की नाक और मुंह के आधे हिस्से को खा लिया था।
पा-लो ना को दिल दहला देने वाली इस घटना की जानकारी कैथल बाल कल्याण समिति सदस्य श्रीमती रितु सिंगला और पत्रकार श्री विक्रम से मिली।
इसके मुताबिक, नंबरदार जगदीश कुमार ने जब बच्ची को देखा तो कई ग्रामीण उसे घेरे खड़े थे और पुलिस का इंतजार कर रहे थे। लेकिन श्री जगदीश ने समझदारी का परिचय दिया और इंतजार न करते हुए एक अन्य युवक नरेंद्र के साथ बच्ची को श्री सुभाष चंद्र की प्राईवेट गाड़ी से सिविल अस्पताल ले गये। बच्ची की क्रिटिकल स्थिति को देखते हुए पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है। फिलहाल वह वहां इलाजरत है।
सरकारी पक्ष –
कैथल बाल कल्याण समिति सदस्य श्रीमती रितु सिंगला ने पा-लो ना को बताया कि बच्ची की स्थिति बहुत क्रिटिकल है और उसे पीजीआई रेफर किया गया है।
थाना प्रभारी राजौंद श्री वीरभान के मुताबिक, इस मामले में आईपीसी सेक्शन 317 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं इस केस को डील करने वाले किठाना पुलिस चौकी इंचार्ज श्री शमशेर सिंह ने बताया कि बच्ची का जन्म करीब पांच-छह घंटे पहले हुआ था, उसकी गर्भनाल काटी हुई थी और उससे खून बह रहा था। लेबर करते हुए एक ग्रामीण को उसके रोने की आवाज सुनाई दी और उसने कुत्तों से घिरी मासूम को देखा तो शोर मचाकर अन्य लोगों को बुलाया। बच्ची को रात दो-ढाई बजे ही पीजीआई चंडीगढ़ मे एडमिट कर दिया गया था, तब तक वह ठीक थी।
पा-लो ना का पक्ष –
पालोना का स्पष्ट मत है कि इस घटना में बच्ची को त्यागने वाले की मंशा उसको नुकसान पहुंचाने या उसकी हत्या करने की ही थी। ऐसा न होता तो वह उसकी नाल को बिना क्लिप लगाए नहीं छोड़ते। असुरक्षित स्थान पर एक नन्हे बच्चे को छोड़ना उसकी जान को खतरे में डालने के समान ही है। उस पर से गर्भनाल काटकर क्लिप नहीं लगाना, जानवरों द्वारा खाया जाना, इस अपराध की जघन्यता को बढाता है।
इसीलिए पा-लो ना ने बाल कल्याण समिति कैथल और राजौंद थाना प्रभारी व किठाना चौकी प्रभारी से अपील की है कि वे इस केस में आईपीसी के सेक्शन 317 (बच्चे को असुरक्षित छोड़ना) के साथ ही 307 (हत्या का प्रयास) और जेजे एक्ट का सेक्शन 75 (बच्चे के प्रति क्रूरता) भी लगाएं, केस की तत्परता से जांच पड़ताल करें और दोषियों को सबके सामने लाएं।
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16 April 2019 Kaithal, Haryana (F)