उस बदबूदार खुले नाले के पास मौजूद झाड़ियों में कोई नवजात बच्ची भी हो सकती है, ऐसा किसी ने सोचा नहीं था। कपड़े के एक टुकड़े में लिपटी इस बिटिया के भाग्य में अभी सांसें बची थी, इसलिए एक ट्रक ड्राईवर की निगाह उस पर पड़ गई और उसे बचा लिया गया। घटना पिलखुवा के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित दिनेश नगर में गुरुवार दोपहर घटी।
पत्रकार श्री सौरव प्रजापति ने पा-लो ना को घटना की जानकारी दी, जिसकी पुष्टि पत्रकार श्री मुलित त्यागी ने भी की। इस जानकारी के मुताबिक, एक नवजात बच्ची को किसी ने
झाड़ियों में छोड़ दिया था। दिनेश नगर के पास एक रेस्टोरेंट के नजदीक एक ट्रक ड्राईवर दातुन तोड़ रहा था, उसी की निगाह सबसे पहले बच्ची पर पड़ी। उसके जरिए जल्द ही ये सूचना फैल गई और वहां लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। मौके पर मौजूद लोग बच्ची को देखते तो रहे, लेकिन किसी ने उसे गोद में उठाने की हिम्मत नहीं की।
इसी बीच मोदीनगर बस स्टैंड चौकी प्रभारी श्री अजयवीर सिंह वहां पहुंचे और बच्ची को गोद में ले लिया। सर्द मौसम के कारण बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई थी। वह उसे लेकर तुरंत अनवरपुर स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज पहुंचे और एनआईसीयू में उसे भर्ती करवा दिया, जहां से उसे मेरठ रेफर कर दिया गया। साथ ही बाल कल्याण समिति को भी इसकी जानकारी दे दी गई।
थाना प्रभारी निरीक्षक श्री लक्ष्मण वर्मा का कहना है कि बच्ची को पिलखुवा कोतवाली पुलिस कानूनी रूप से गोद लेकर उसका पालन करेगी और आजीवन उसका अभिभावक बनकर उसका पालन करेगी। इस संबंध में अधिकारियों से बातचीत की जाएगी। कोतवाली पुलिस का यह कार्य शहर में चर्चा का विषय बना है।
पा-लो ना ये जानने के प्रयास में है कि इस मामले में कोई केस दर्ज किया गया है या नहीं। इस घटना में पुलिस का एक अलग ही चेहरा सबके सामने आया है, जो कहीं ज्यादा संवेदनशील, मानवीय और नर्म है। ये देखना महत्वपूर्ण होगा कि उन्हें बच्ची को गोद लेने का अधिकार मिलता है या नहीं। मालूम हो कि नवजात शिशुओं को सेंट्रल एडॉप्शन रिसॉर्स अथॉरिटी के द्वारा ही गोद लिया जा सकता है और उसके लिए भी एक लंबी, पेचीदा प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। जिसके लिए काफी लंबा इंतजार भी करना पड़ता है।
15 नवंबर 2018 हापुड़, उत्तर प्रदेश (F)