पुलिस और सीडब्ल्यूसी ने लिया संज्ञान, दोषी की तलाश जारी
सख्त कानून और अवेयरनेस से ही होगा देश में बदलाव- पालोना
16 November 2023, Chatra, Jharkhand
SS Team
झारखण्ड के चतरा जिले के इटखोरी में एक नवजात का शव मिला है। ये शव एक तालाब में मिला। ख़बर मिलते ही पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
कब, कहाँ, कैसे
ये घटना चतरा जिले के इटखोरी स्थित ग्राम परसौनी की है। गुरूवार, 16 नवंबर 2023 की शाम 5 बजे इटखोरी थाने में सूचना मिली कि एक नवजात शिशु का शव टाली तालाब में तैरता हुआ दिखा।
सूचना मिलते ही चौकीदार विक्रम पासवान घटनास्थल पर पहुंचे। वहां पहले से ही काफी भीड़ जमा हो गई थी। बच्चे का शव तालाब के किनारे थेथर पौधे के पास पानी में पड़ा हुआ था। बच्चे की गर्भनाल भी बच्चे से जुड़ी हुई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बच्चे की उम्र एक दिन की लग रही है। घटनास्थल पर जमा लोगों में से कोई भी उस बच्चे को पहचान नहीं सका।
इस घटना की जानकारी पालोना को चतरा बाल कल्याण समिति के श्री धनंजय तिवारी से मिली। इटखोरी थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर श्री विनोद कुमार और केस आईओ सब इंस्पेक्टर बंटी यादव ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए पालोना की फाउंडर मोनिका आर्य से बात की। श्रीमती आर्य ने इस मामले में लगने वाले आईपीसी और जेजे एक्ट सेक्शन के साथ ही DNA सैंपलिंग पर भी जोर दिया।
क्या कहती है स्थानीय पुलिस
इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत ही घटनास्थल पर पहुंची और बच्चे के शव को तालाब से निकाला। थाना इंचार्ज विनोद कुमार का कहना है कि बच्चे के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसके दोनों हाथ फैले हुए थे और दोनों पैर मुड़े हुए थे। वहां पहुंचे लोगों से पूछताछ के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला और न ही बच्चे के माता पिता के बारे में कोई जानकारी प्राप्त हुई है। फिलहाल पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
इस मामले में आईपीसी की धारा 318 के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
पालोना की सिफारिश
- 1.बच्चे को तालाब में डालना एक निंदनीय और दंडनीय अपराध है।
- 2.पालोना की सरकार से सिफारिश है कि नवजात शिशुओं के इस तरह से किए जाने वाले परित्याग को रोकने के लिए अवेयरनेस के साथ साथ सरकार को कानून कड़े बनाने पर भी जोर देना होगा।
- 3.इसकी शुरुआत सुरक्षित और असुरक्षित परित्याग के अंतर को समझा कर की जा सकती है।
- 4.लोगों को ये बताना जरूरी है कि वो बच्चे का परित्याग सुरक्षित तौर पर भी कर सकते हैं।
- 5.परित्याग करने के लिए बच्चे की जान को खतरे में डालना या उसकी हत्या करना जरूरी नहीं है।
- 6.ये भी समझना आवश्यक है कि सुरक्षित परित्याग भी गोपनीय रूप से संपन्न किया जा सकता है।
- 7.बाल कल्याण समिति ऐसे मामलों को गोपनीयता और सुरक्षित तौर पर संपन्न करने में समर्थ है।
- 8.कोई भी अपना बच्चा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध पालनों में या कम से कम अस्पताल के बिस्तर पर छोड़ सकता है।
- 9.एक सही कदम बच्चे को सुरक्षित गोद में पहुंचा सकता है।