Call us : +91 9798 4543 21
Send email : info@paalonaa.in
Editor's Corner
PaaLoNaa
  • Home
  • About Us
  • All Events
  • Media
    • Editor’s Corner
    • Latest News on Newborns and Infants in India
    • Media coverage
    • Related Stories
  • Gallery
    • Video Gallery (YouTube)
    • Photo Album
    • Art Gallery
    • Artists
  • Portfolio
  • Supports
  • Contact
  • Home
  • About Us
  • All Events
  • Media
    • Editor’s Corner
    • Latest News on Newborns and Infants in India
    • Media coverage
    • Related Stories
  • Gallery
    • Video Gallery (YouTube)
    • Photo Album
    • Art Gallery
    • Artists
  • Portfolio
  • Supports
  • Contact
Home    बच्ची को बचाकर भी वे अपराधी ही कहलाएंगे…

Latest News On Infanticide

बच्ची को बचाकर भी वे अपराधी ही कहलाएंगे…

Spread the news
     


उस बच्ची को पार्क की एक बेंच पर छोड़ दिया गया था कुछ कपड़ों में लपेटकर। पहलेपहल लोगों को लगा कि कोई कपड़ा ऐसे ही वहां पड़ा है। जब बहुत देर तक कोई उस कपड़े को उठाने नहीं आया, तो संशय होने पर वहां घूम रही कुछ महिलाओं ने इस पर ध्यान दिया। घटना मंगलवार की शाम साढ़े पांच बजे पानीपत मॉडल टाउन स्थित एक पार्क में घटी।

बाल कल्याण समिति की श्रीमती किरण मलिक ने पा-लो ना को बताया कि शहर के एक पार्क में कुछ महिलाएं शाम के समय घूम रहीं थीं। पहले उन्होंने सोचा कि वहां वैसे ही कोई कपड़ा पड़ा है। फिर उसके पास से गुजरते हुए एक महिला को लगा कि उसमें कुछ है। जब उन कपड़ों को खोल कर देखा तो उसमें दो दिन की एक बच्ची थी। आस-पास वालों से बच्ची के बारे में पूछताछ करने पर सबने उसके संबंध में कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया। फिर उन्होंने पुलिस को बुला लिया, जिनसे बाल ल्याण समिति को भी जानकारी मिल गई।

बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। उसे किसी तरह की कोई चोट या बीमारी भी नहीं थी, फिर भी प्राथमिक जांच और केयर के लिए पहले उसे सीधे स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां से 29 तारीख को कैथल स्थित शिशु गृह भेज दिया गया है। पानीपत में कोई शिशु गृह नहीं होने की वजह यहां के बच्चों को पहले पंचकुला भेजा जाता था।

श्रीमती मलिक की लोगों से अपील है कि बच्चों को यहां वहां फेंकने की बजाय वे संबंधित अधिकारियों को सौंप दे, ताकि उन्हें मेडिकल केयर उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने आम जन से भी ये अपील की है कि यदि कहीं कोई बच्चा फेंका हुआ मिले, या कहीं रखा हुआ ऩजर आए तो उसे सबसे पहले नजदीकी अस्पताल ले जाएं।

इस मामले में टीम पा-लो ना को लगता है कि किसी माता-पिता या परिजन ने ही बच्ची को नहीं पालने की स्थिति में वहां छोड़ दिया होगा। इसीलिए उन्होंने इसके लिए शाम का समय चुना, ताकि किसी की नजर बच्ची पर पड़ जाए और उसे बचा लिया जाए। टीम उनकी शुक्रगुजार है कि उन्होंने कम से कम बच्ची की जान नहीं ली, लेकिन नेक मंशा के बावजूद खुद को अपराधी होने से नहीं बचा सके। ऐसे माता-पिता और परिजनों से हम आग्रह करते हैं कि बच्चों को फेंकने की बजाय सुरक्षित हाथों में सौंपकर वे खुद को अपराधमुक्त कर सकते हैं। इसमें उनकी पहचान भी गुप्त रखी जाती है।

बाल कल्याण समिति और चाईल्डलाईन देश के लगभग सभी जिलों में कार्यरत है। आप उन्हे सीधे संपर्क कर सकते हैं या फिर पा-लो ना को 9798454321 पर फोन करके अपने एरिया के सक्षम अधिकारी के संबंध में जानकारी हासिल कर सकते हैं या #पालोना से भी बच्चों को सरेंडर करने संबंधी मदद ले सकते हैं।
22 मई 2018पानीपत, हरियाणा (F)

About Us

PaaLoNaa is a cause dedicated to those infants who have been shunned by their own parents. These infants are adandoned in deserted public places like railway lines, ponds, bushes, forests, barren lands for some or the other reasons, compulsions, fears or greed.

Explore PaaLoNaa

  • About Us
  • Photo Gallery
  • Video Gallery (YouTube)
  • Art Gallery
  • Artists
  • CARA
  • CARINGS
  • NCPCR
  • Childline India Foundation
  • PaaLoNaa In Media
  • Media On Infanticide
  • Related Stories
  • The Support

Important Links

State-wise data of Infant spottings
Our Members
The Victims
The Terms & Conditions
© 2023 PaaLoNaa: An initiative of Ashrayani Media Associates & Refined Look Magazine, Supported by Ashrayani Foundation against INFANTICIDE & ABANDONMENT of INFANTS. All rights reserved | Powered by Paalonaa