ये शुक्रवार की सुबह थी, जब किसी ने उसे कूड़े के ढेर पर लाकर रख दिया, जिंदा ही। ये कौन थे, उसके माता-पिता या फिर कोई उसे चुरा कर वहां लाकर रख गया था। सवाल अनुत्तरित है, लेकिन ये सोच कर ही शरीर में सिहरन दौड़ जाती है कि यदि कुत्तों को उसकी गंध मिल जाती तो क्या होता। घटना मुरादाबाद के कुंदरकी थाना क्षेत्र की है।
घटना की सूचना मिलने के बाद पा-लो ना टीम ने स्थानीय पत्रकार श्री प्रेम पाल व श्री दीपचंद्र जोशी के साथ ही चाईल्ड एक्टिविस्ट्स एवं सीडब्ल्यूसी से जुड़े श्री गुलजार अहमद तथा श्री विन्सेन्ट राम से संपर्क किया। मालूम हुआ कि यह बच्ची शुक्रवार सुबह 8 बजे के करीब कुंदरकी थाना क्षेत्र के भिकनपुर-कुलवाडा गांव में मुरादाबाद-आगरा हाईवे के किनारे कूड़े के ढेर पर पड़ी थी। गांव के दो युवकों ने सबसे पहले बच्ची के रोने की आवाज सुनी और उन्होंने उसे वहां से उठा लिया। जल्द ही ये खबर आस-पास फैलने के बाद पुलिस तक पहुंच गई। डायल 100 के सिपाही अशोक व अन्य बच्ची को प्राथमिक जांच के लिए अस्पताल ले गए।
बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है और उसकी उम्र करीब छह माह बताई जा रही है। ये जांच का विषय है कि आखिर इतने माह तक बच्ची किसके पास थी। अगर मां-बाप ही इसका पालन-पोषण कर रहे थे तो ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने उस बच्ची को कूड़े के ढेर पर लाकर फेंक दिया। वे उसे अपने किसी संबंधी या आस-पड़ौस वाले को भी सौंप सकते थे। बच्ची की मोहक सूरत देखकर कोई भी इसके लिए तैयार हो जाता। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस बच्ची को ट्रैफिकिंग या दुश्मनी के मददेनजर कोई उसके घर से चुरा लाया और फिर उसी ने उसे वहां फेंक दिया।
असल बात तो जांच के बाद ही पता चल सकेगी, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पुलिस तत्परता और ईमानदारी से इस मामले की जांच पड़ताल करे। फिलहाल बच्ची को राजकीय शिशु सदन, रामपुर भेज दिया गया है, और इस नन्ही परी को नया नाम भी मिल गया है- परी।
09 फरवरी 2018 मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश (F)