उसकी तस्वीर पर जब पहली नजर पड़ी तो लगा कि यह अर्द्धविकसित शरीर है। शायद एबॉर्शन या मिस-कैरिएज का मामला हो सकता है। तस्वीर ऐसी नहीं थी कि गौर से देखा जा सके, फिर भी हिम्मत करके गौर से देखा तो पता चला कि उसका शरीर पूरा विकसित था, बस आधा शरीर खा लिया गया था कुत्तों के द्वारा। इसलिए केवल दोनों हाथ और धड़ के ऊपर का हिस्सा विद्यमान था और यही भ्रम पैदा कर रहा था। घटना गिरिडीह के सदर अस्पताल परिसर में सोमवार दोपहर घटी।
एक पत्रकार से जानकारी मिलने के बाद पा-लो ना ने गिरिडीह के कई पत्रकारों से बात कर घटना की पुष्टि की। इसके मुताबिक, सदर अस्पताल के एएनएम हॉस्टल के मुख्य गेट के नजदीक सोमवार दोपहर एक नवजात शिशु का शव पड़ा देख हंगामा हो गया। इस शव के शरीर का निचला हिस्सा कुत्तों द्वारा खा लिया गया था, जिससे बच्चा लड़का है या लड़की, ये भी पता नहीं चल पा रहा था। जानवरों ने शव की दुर्गति कर दी थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने कुत्तों को भगाया। ऐसा नहीं होता तो वहां किसी बच्चे का शव था, ये भी किसी को पता नहीं चलता। पुलिस को सूचना दे दी गई। लेकिन पुलिस के वहां आने से पहले ही अस्पताल प्रबंधन ने सफाईकर्मियों के द्वारा शव को आनन-फानन हटवा दिया।
पा-लो ना को हतप्रभ है ये सोचकर कि अस्पताल प्रबंधन ने बजाय खुद आगे बढ़कर घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाने के इसे छुपाने का काम किया। इस तरह एक बार फिर एक बच्चा होकर भी गायब हो गया। यह शिशु जीवित अवस्था में छोड़ा गया था, या मृत्यु के बाद, ये कहना मुश्किल है। पा-लो ना प्रयासरत है कि इस मामले में केस दर्ज करवाया जाये।
03 सितंबर 2018 गिरिडीह, झारखंड (U)