राज्य सरकारों का शिशु हत्या और शिशु परित्याग के प्रति मौन रवैया आने वाले दिनों में इन मासूमों के लिए एक घातक रूप ले सकता है. उत्तर प्रदेश से आए दिन ऐसी खबरें मिल रही हैं, जो बच्चों के प्रति सरकार और प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती हैं।
ताज़ा घटना उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िल के धौलाना तहसील की है, जहाँ एक नवजात को एक घर की छत से बरामद किया गया था. 14 सितम्बर की उस सुबह हापुड़ ज़िल के सिवाया गांव के निवासी श्याम सुन्दर शर्मा को
अपने घर की छत से एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. सुबह सुबह का वक्त था। जिज्ञासा उस परिवार को घर की छत की तरफ ले गई, जहाँ एक नवजात बच्ची बिना कपड़ों के मिट्टी में सनी वहां पड़ी थी. अपने घर
की छत पर उस मासूम को देख श्याम सुन्दर शर्मा और उनके घर वालों के होश उड़ गए. आनन-फानन में पुलिस को इस की सूचना दी गई. इस के बाद शर्मा परिवार बच्ची को प्राथमिक इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले
गया. स्थानीय थाना प्रभारी ने इस घटना की जानकारी से साफ़ इनकार कर दिया और संभावना जताई कि शायद डायल 100′ की पुलिस टीम ने इस मामले को दर्ज किया हो. बताते चलें कि नवजात बच्चों को प्रारंभिक दिनों
में संक्रमण का भारी ख़तरा रहता है और शीघ्र उचित इलाज ना मिलने पर मौत भी हो सकती है. जैसा कि इस मामले में हुआ। इलाज के दौरान ही उसी रात इस बच्ची की मौत हो गई। इस घटना की जानकारी टीम पा-लो ना
को स्थानीय पत्रकार श्री ओमपाल राणा से प्राप्त हुई है. टीम पा-लो ना उनके प्रति आभार जताते हुए, सूचना के इसी सहयोग की सभी लोगों से उम्मीद करती है.
14 सितम्बर 2017 हापुड़, उत्तर प्रदेश (F)