झारखण्ड की राजधानी रांची के समीपवर्ती ज़िले खूंटी में एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली है. शिशु परित्याग की इस घटना की जानकारी तब मिली, जब एक ग्वाले की नज़र उस मासूम पर पड़ी. शनिवार तड़के
सुबह अंधेरे में किसी अज्ञात व्यक्ति ने सहयोग विलेज अनाथालय के मुख्य द्वार के निकट बच्ची को कपड़े में लपेटकर लावारिस अवस्था में छोड़ दिया. सहयोग विलेज से प्राप्त सूचना के अनुसार, एक ग्वाला जब गायों को चारा
देने गया, तब उसकी नज़र बच्ची पर नही पड़ी, मगर लौटने के क्रम में बच्ची के रोने की आवाज़ ने उसका ध्यान खींचा. आवाज़ सुनाई देते ही उसकी नज़र उस मासूम पर पड़ी और उसने फ़ौरन नवजात को वहां से उठा लिया.
सूचना अनुसार बच्ची 4-5 दिन की है और एकदम स्वस्थ है. ये पता नही चल सका कि बच्ची पहले से ही वहां थी या फिर ग्वाले को देखने के बाद कोई उस बच्ची को बचाने की मंशा से वहां रख गया. बताते चलें कि
सहयोग विलेज अनाथालय में अतीत में भी इस प्रकार की अनेकों घटनाएं घटित हो चुकी हैं. इसलिए पहले अनाथालय में एक पालना भी रखा हुआ था, परन्तु तब भी लोग घण्टी बजने के डर से बच्चे को पालने में नहीं रखकर
वहीं नीचे छोड़ कर फरार हो जाते थे. उन्हें अपने पकड़े जाने का तो भय होता है, लेकिन अपने ही नन्हे शिशु के जानवर, चींटियों या सांपो से खाये जाने का भय नही होता.
21 अक्टूबर 2017 खूंटी (रांची), झारखण्ड (F)