वह पूरे दर्द में थी, जब उस नर्सिंग होम में पहुंची। पहुंचने के कुछ ही देर के अंदर उसने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया और इसके कुछ ही मिनटों के भीतर गायब हो गई। घटना बिहार के कैमूर स्थित मोहनिया रोड में 01 अप्रैल को घटी।
कैमूर के पत्रकार श्री देवब्रत तिवारी ने पा-लो ना को बताया कि एक अप्रैल की रात्रि दो महिलाएं मोहनिया रोड स्थित एक निजी नर्सिंग होम में पहुंचीं। एक महिला को डिलीवरी पेन हो रहा था। डॉक्टर उसे तुरंत एमरजेंसी में ले गए। कुछ ही देर बाद उस महिला ने एक प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया। दर्द में होने के कारण उस महिला का नाम-पता भी दर्ज नहीं किया गया था। डिलीवरी के करीब 10-15 मिनट के अंदर ही दोनों महिलाएं वहां से गायब हो गईं। बच्ची को वहीं नर्सिंग होम में छोड़ गईं। बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। डॉक्टर की सूचना पर चाईल्ड लाइन वाले बच्ची को वहां से ले गए। अगर 60 दिनों के अंदर उस बच्ची पर कोई दावा नहीं करता है और उसके माता-पिता होने का सबूत पेश नहीं करता है तो उसे एडॉप्शन के लिए लीगली फ्री कर दिया जाएगा।
वह महिला कौन थी, कहां से आई थी, क्या मजबूरी थी, इसकी तफ्तीश जारी है। लेकिन पा-लो ना टीम उस अज्ञात मां की शुक्रगुजार है, जिसने बच्ची को फेंकने या मारने की बजाय उसके लिए एक बेहतर विकल्प चुना। उसने ममता का गला घोंटा जरूर, लेकिन ये बच्ची की बेहतरी के लिए था। हो सकता है कि बच्ची को साथ ले जाने पर वह जिंदा ही नहीं बच पाती। उसे मार दिया जाता या बेच दिया जाता। एडॉप्शन में जाने से बच्ची को एक बेहतर भविष्य मिलने की आस बंधती है।
01 अप्रैल 2018 कैमूर, बिहार (F)