सदर अस्पताल परिसर में वह बच्ची बिना कपड़ों के पड़ी थी। उसके आस-पास एक चादर और दो झोले भी पड़े थे। बच्ची में प्राण बाकी नहीं थे। घटना मंगलवार अहले सुबह की है, जो लोअर थाना बाजार इलाके में स्थित सदर अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय के सामने घटी। घटना की
जानकारी सीनियर क्राईम रिपोर्टर श्री प्रशांत सिंह ने पा-लो ना को दी, जिसकी पुष्टि बाद में अन्य पत्रकारों श्री कुमुद व श्री हितेश ने भी की। पा-लो ना ने घटना की विस्तृत जानकारी सदर अस्पताल के गार्ड श्री समीर से ली, जिन्होंने
पहलेपहल बच्ची को देखा था। उन्होंने बताया कि वह बाथरूम में थे, जब गार्ड रोशन टोप्पो ने उन्हें नीचे कुछ पड़ा होने की सूचना दी। इसके बाद वे दोनों नीचे पहुंचे तो एक अन्य व्यक्ति उनके पास पहुंचा और कहा कि वहां एक बच्ची पड़ी
है। बच्ची को वहां खुले आसमान के नीचे यूं पड़ा देख वे सिहर उठे और तुरंत उसे उठाकर अंदर डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने बच्ची का चैकअप करके बताया कि वह मृत है। बच्ची कब से वहां पड़ी थी और किसने उसे वहां डाला था, किसी को
मालूम नहीं। गार्ड की सूचना पर पहले पीसीआर वैन और फिर लोअर बाजार थाना पुलिस घटनास्थल पहुंची और बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सदर अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, बच्ची का जन्म अस्पताल में नहीं होकर शायद घर पर
ही हुआ था। ऐसा भी कहा जा रहा है कि बच्ची प्री-मेच्योर थी और उसकी मौत के बाद ही उसे वहां सदर अस्पताल परिसर में छोड़ा गया। ये भी सुनने में आया है कि कोई महिला व पुरुष गेट के नीचे से ही बच्ची को परिसर की तरफ फेंक कर चले
गए। लेकिन पा-लो ना को ये समझ नहीं आ रहा कि यदि बच्ची मृत थी तो उसे अस्पताल तक लाने का रिस्क कोई क्यों उठाएगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि बच्ची को जीवितावस्था में ही वहां छोड़ा गया था। मालूम हो कि सदर अस्पताल में जिला प्रशासन
की पहल पर कुछ माह पहले पालना (क्रेडल) लगाने की पहल हुई थी, जो हाल तक अस्पताल के कमरे में रखा हुआ था। इस संबंध में पा-लो ना द्वारा राज्य बाल संरक्षण आयोग और जिला प्रशासन द्वारा बुलाई गई बैठक में भी सवाल उठाया गया था।
पा-लो ना द्वारा ये आशंका व्यक्त किए जाने के बाद कि कहीं क्रेडल में डालने की उम्मीद से ही तो बच्ची को अस्पताल तक नहीं लाया गया था, और क्रेडल नजर नहीं आने केबाद उसे ऐसे ही जमीन पर खुले आसमान के नीचे फेंककर चले गए, बाल
संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती आरती कुजुर और बाल संरक्षण समिति सदस्य श्री श्रीकांत ने अस्पताल का दौरा किया और पालने को बाहर परिसर में लगाने के निर्देश दिए। पा-लो ना को इस मामले में केस दर्ज होने और बच्ची की पोस्टमार्टम
रिपोर्ट का इंतजार है।
01 जनवरी 2019 रांची, झारखंड (F)