एक नवजात बच्ची खेत की जमीन पर पड़ी रो रही थी, उसके रोने की आवाज से आस-पास लोगों का जमघट भी लग गया था, लेकिन कोई भी उसे उठाने का साहस नहीं कर पा रहा था। तब पुलिस को बुलाया गया और उसने ही बच्ची को वहां से उठा कर मुखिया के सुपुर्द कर दिया। यह घटना उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर स्थित गोगाव गांव में सोमवार को तड़के घटी।
मिर्जापुर से चाईल्ड वेलफेयर कमेटी के पूर्व सदस्य एवं पत्रकार श्री बसंत लाल श्रीवास्तव ने पा-लो ना को बताया कि मिर्जापुर के थाना जिगना के अन्तर्गत पीआरवी 1093 को सुबह करीब 05:21 बजे पंकज नामक व्यक्ति ने सूचना दी कि गोगाव गांव में राजेश के खेत में कोर्इ एक नवजात बच्ची को छोड़कर चला गया है। इस सूचना पर पीआरवी तत्काल मौके पर पहुंची तो देखा कि एक नन्ही सी बच्ची खेत में पड़ी थी और रो रही थी। उन्होंने बिना देरी किए बच्ची को गोद में उठा लिया। ग्रामीणों से काफी पूछ-ताछ की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। किसी को नहीं मालूम था कि बच्ची को कौन वहां फेंक गया है।
तब पीआरवी कर्मियों ने ग्राम प्रधान व स्थानीय थाना प्रभारी को बुलाकर गांव के सम्भ्रान्त लोगों की उपस्थिति में उस बच्ची को ग्राम प्रधान को सौंप दिया।
टीम पा-लो ना पंकज (जिन्होंने पीआरवी को सूचित किया) और पीआरवी के एचसीपी अफजल, का0 विजय सरोज और रजवान यादव की शुक्रगुजार है, जिन्होंने मिलकर एक नवजात शिशु को बचा लिया, लेकिन उन्हें बच्ची को गांव में ही छोड़ने की बजाय उसे किसी अस्पताल लेकर जाना चाहिए था, क्योंकि नवजात शिशुओं के लिए शुरुआती समय काफी असुरक्षित होता है। यही वह समय होता है, जब उन्हें इन्फेक्शन की आशंका सबसे ज्यादा होती है। खेत की मिट्टी में पड़ी बच्ची फिलहाल स्वस्थ बताई जा रही है, लेकिन क्या सचमुच ऐसा ही है, ये कोई विशेषज्ञ चिकित्सक ही बता सकते हैं।
इसके अलावा पुलिस को चाईल्ड लाईन या चाईल्ड वेलफेयर कमेटी को भी सूचित करना चाहिए था, ताकि बच्चे को सुरक्षित माहौल दिया जा सके। पा-लो ना इनसे संपर्क के लिए प्रयासरत है।
09 अप्रैल 2018 मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश (F)