यह बच्ची करीब आठ माह की थी और इसे सरेंडर किया गया था। लेकिन सरेंडर करने वाले उसके अपने माता-पिता नहीं थे और डरे हुए थे। ये घटना मुरादाबाद और रुड़की की सीमाओं में घटी।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री गुलजार अहमद ने पा-लो ना को बताया कि एक दंपति करीब आठ माह की एक बच्ची को लेकर रविवार रात को मझोला थाने पहुंचे। यह दंपति मैनाठेर मिलक निवासी रोहित वर्मा और साईदा थे। पुलिस को उन्होंने बताया कि वह बच्ची उन्हें रुड़की के प्राण कलियर दरगाह पर मिली थी। उन्होंने बच्ची के परिजनों को काफी ढूंढा, लेकिन वे मिले नहीं, इसलिए वे बच्ची को अपने साथ मुरादाबाद ले आए।
पुलिस ने बच्ची को चाईल्डलाईन के जरिए बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर दिया, जहां से उसे बाल गृह भेज दिया गया। ये घटना देर रात हुई थी। समिति को उन पर संदेह हो गया, इसलिए उन्होंने पुलिस को मामले की जांच पड़ताल करने और प्राण कलियर दरगाह के आस-पास के इलाके में छानबीन करने के निर्देश दिए।
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि ये दंपति बच्ची को लाया तो दरगाह से ही था, लेकिन चुराकर। वहां दरगाह पर ये दंपति एक अन्य दंपति के साथ भीख मांगा करता था। दूसरे दंपति की जुड़वां बेटियां थीं। एक बेटी को खिलाने के बहाने ये वहां से चुराकर ले आए। दूसरे दंपति ने अपनी बच्ची को खोजने के लिए पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी। इसी दौरान मुरादाबाद पुलिस से उनका संपर्क हुआ और अंततः उन्हें अपनी बच्ची मिल गई।
श्री अहमद ने बताया कि पहले आरोपी दंपति ने बच्ची को दस हजार रुपये में बेचने का प्रयास किया। जब उन्हें ये डर हो गया कि उनका राज खुलने वाला है और गांव में बात फैल रही है तो उन्होंने बच्ची को सरेंडर करने का फैसला लिया। फिलहाल दंपति अपने चार बच्चों के साथ फरार है। बच्ची अपने घर वापिस पहुंच गई है।
टीम पा-लो ना मुरादाबाद सीडब्लूसी और पुलिस का शुक्रिया अदा करती है कि उन्होंने तत्परता से जांच-पड़ताल की और बच्ची के परिजनों को ढूंढने में सफल रहे। अगर उन्होंने जरा भी कोताही बरती होती तो शायद बच्ची का परिवार नहीं मिल पाता।
इसके अलावा भले ही आरोपी परिवार ने एक गंभीर गुनाह किया है, पहले उन्होंने बच्ची को चुराया और फिर उसे बेचने का भी प्रयास किया, इसकी टीम कड़ी निंदा करती है, लेकिन साथ ही उनकी सराहना भी करती है कि उन्होंने बदहवासी में बच्ची को कहीं भी फेंका नहीं और उसे सुरक्षित पुलिस को सौंप दिया। इसके पीछे निश्चित तौर पर वजह यही रही होगी कि बच्ची के माता-पिता उन्हें जानते थे कि वे ही उनकी बच्ची को चुरा कर लेकर आए हैं। और आज नहीं तो कल वे इसके लिए पुलिस के हत्थे चढ़ सकते थे। इसी डर ने उन्हें बच्ची को पुलिस को सुरक्षित सौंपने के लिए बाध्य किया होगा।
08 जुलाई 2018 मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश (F)