सुबह का वक्त था, जब पटेल मैदान में क्रिकेट की प्रेक्टिस करने गए लड़कों ने मैदान के बीचोंबीच एक ताजा भरा गड्ढा, उसमें दबा हुआ तौलिया और आस-पास थोड़ा खून बिखरा हुआ देखा। उस स्थान से मिट्टी हटाने पर वहां से एक नवजात लड़के का शव मिला। घटना शुक्रवार की है।
स्थानीय पत्रकार श्री श्रुतिकांत से मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह सहरसा के पटेल मैदान में लड़के क्रिकेट प्रेक्टिस के लिए गए थे। लेकिन प्रेक्टिस से पहले ही उनका ध्यान मैदान के बीच स्थित गड्ढे पर गया। उसे देखने से ऐसा लगता था मानो जल्दबाजी में हाथों से थोड़ा मिट्टी हटाकर बच्चे को उसमें दफनाने की रस्मअदायगी मात्र कर दी गई हो। एक हरे रंग का तौलिया और नीले रंग का कपड़ा, एक पीले रंग की ऊनी टोपी, एक-दो पाईप्स, जो सेलाइन चढ़ाने में इस्तेमाल होते हैं, ये सब थोड़ा बाहर निकला हुआ था और कुछ गड्ढे में ही दबा हुआ था। ये सिर्फ कहने भर के लिए ही गड्ढा था। कोई भी आवारा जानवर अपने खुरों से उसे आसानी से खोदकर बच्चे के शव को निकालकर उससे अपनी भूख मिटा सकता था।
इसकी सूचना मिलते ही कुछ पत्रकार और पुलिसवाले घटनास्थल पर पहुंचे, जिनमें श्रुतिकांत जी भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि बच्चे की शायद ईलाज़ के दौरान मौत हुई होगी, ये सोचकर आस-पास के अस्पतालों में जाकर पूछताछ भी की गई, लेकिन कहीं से कुछ पता नहीं चला। ऐसा लगता है कि किसी झोलाछाप डॉक्टर के यहां हुई मौत के बाद उसे बहुत सुबह 3-4 बजे के करीब वहां मैदान में लाकर दफना दिया गया होगा।
हालांकि परिजनों के इस कदम ने मामले को पेचीदा बना दिया है। बच्चे का विधिवत अंतिम संस्कार क्यों नहीं किया गया, उसके लिए सुबह होने तक का इंतजार क्यों नहीं किया परिजनों ने और उसे यदि कहीं भी यूं ही फेंक देना था तो ये काम कहीं भी किया जा सकता था, पटेल मैदान को इस कार्य के लिए चुनने का फैसला क्यों किया गया, ये सभी सवाल अभी अनुत्तरित हैं। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।
16 फरवरी 2018 सहरसा, बिहार (M)