क्या हुआ –
बघला नदी किनारे वार्ड नंबर 11 में स्थित सड़क पर एक नवजात शिशु का शव गत्ते के डिब्बे
में अखबार से लिपटा हुआ मिला। बच्चे का शरीर संभवतः डिब्बे से बड़ा रहा होगा, इसलिए
डिब्बे में उसे रखने के लिए उसके सिर को मोड़ दिया गया था। उसके शरीर पर एक भी कपड़ा
नहीं था। देखने से वह मेच्योर बेबी लग रहा था।
ग्रामीणों के अनुसार, सुबह से वह डिब्बा हाईवे के नजदीक रखा हुआ था, लेकिन किसी को उसे
खोलकर देखने का ख्याल नहीं आया। शाम को जब उसका ढक्कन खुला और उसमें नवजात शिशु दिखाई
दिया तो उसे देखकर सब हैरान और परेशान रह गए। डर से किसी ने पुलिस को सूचना नहीं दी।
स्थानीय पत्रकारों को इसका पता चला तो उन्होंने थाना त्रिवेणीगंज प्रभारी सुधाकर कुमार
को घटना की जानकारी दी। पालोना को इसकी जानकारी पत्रकार श्री सुमन सौरभ से मिली थी।
सरकारी पक्ष –
“स्थानीय लोगों के अनुसार, बच्चे को जब छोड़ा गया, वह
जिंदा रहा होगा। शायद किसी बिन
ब्याही मां ने बच्चे को जन्म देकर छोड़ दिया, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है अभी तक। हम
लोगों ने ही पुलिस को सूचना दी। पुलिस घटनास्थल पर आई भी, लेकिन बिना कुछ किए ही चली
गई। यह हत्या लगती है और स्थानीय लोगों का भी यही ख्याल है” – पत्रकार सरोज संत
“पुलिस के पहुंचने से पहले ही बच्चे के शव को ग्रामीणों
ने दफना दिया था। वह एक ल़़ड़के
का शव था। इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है, न ही शव का पोस्टमार्टम करवाया
गया” – थाना प्रभारी सुधाकर कुमार
पा-लो ना का पक्ष –
प्रथम दृष्ट्या आईपीसी सेक्शन 318 के तहत एफआईआर दर्ज
होनी चाहिए थी।
शव दफना दिया गया था तो मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शव को
निकलवाकर पुलिस को उसका पोस्टमार्टम करवाना चाहिए था।
यदि पोस्टमार्टम में बच्चे की हत्या की पुष्टि होती तो
पुलिस को आईपीसी सेक्शन 315, 302, 34 और जेजएक्ट 75 लगानी चाहिए थी।
पुलिस केस दर्ज करके जांच करती तो दोषी लोगों के साथ-साथ
आस-पास के अन्य लोगों को भी पता चलता कि नवजात शिशु को इस तरह त्यागना कानूनन जुर्म है
और इसके लिए उन्हें सजा मिल सकती है। लोगों में कानून का डर होता और भविष्य में इन
घटनाओं पर रोक लगती।
शिशु हत्या और परित्याग जैसे गंभीर अपराध पर पुलिस को
जागरुक करने के लिए बिहार सरकार को समय समय पर उनकी ट्रेनिंग करवानी चाहिए।
गौरतलब है कि पालोना शिशु हत्या और परित्याग पर पिछले चार सालों से रिसर्च, रिपोर्टिंग,
अवेयरनैस और एडवोकेसी कर रहा है। तस्वीरों और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के आधार पर
हमें इस बच्चे की हत्या होने का अंदेशा है। इसलिए हम बिहार की सरकार और सुपौल के जिला व
पुलिस प्रशासन से अपील करते हैं कि मामले की गहन जांच करवाई जाए।
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02 September, 2019 Supal, Bihar (M, D)