मैकगैन अस्पताल परिसर में घटी घटना
बच्चे जानवरों का शिकार होने के लिए नहीं जन्मते : पालोना
31 MARCH 2023, FRIDAY, SHIVAMOGGA, KARANATAKA
मानवता को झकझोर देने वाली खबर बेंगलुरु से आ रही है। यहां अस्पताल परिसर में कुत्ते के मुंह में एक नवजात शिशु को देखा गया। लोगों ने कुत्ते को भगाकर शिशु को बरामद किया। उन्होंने पाया कि बच्चे के प्राण जा चुके हैं। यह जांच का विषय है कि कुत्ते बच्चे के शव को लेकर घूम रहे थे या कुत्तों के काटने से ही बच्चे की मौत हुई थी।
कब, कहां, कैसे
पालोना को इस घटना की सूचना बेंगलुरु मीडिया के साथी श्री निहाल से मिली। उन्होंने एनडीटीवी की एक रिपोर्ट पालोना से शेयर की थी। इसके मुताबिक, शिमोगा जिले के मैकगैन अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड ने सुबह 7:00 बजे एक नवजात शिशु को कुत्तों के मुंह में देखा। उन्होंने कुत्तों को भगाकर बच्चे को बचाने की कोशिश की। जब तक उन्होंने बच्चे को बरामद किया, उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने इस मामले में शव का पोस्टमार्टम करवा कर एफ आई आर दर्ज कर ली है।
उधर, डिस्टिक्ट मेडिकल ऑफीसर श्री राजेश के मुताबिक अस्पताल में उस दिन 3 बच्चों का जन्म हुआ था और तीनों ही सुरक्षित हैं। इस बच्चे का ना तो वहां जन्म हुआ था और ना ही उसका इलाज वहां हो रहा था। स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना की जांच के लिए चार टीमों का गठन किया है। ये टीम 30 और 31 मार्च को शिमोगा जिले और आस-पास के अस्पतालों में जन्मे प्रीमेच्योर बच्चों का डाटा कलेक्ट करेगी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि 2 दिन के अंदर बच्चे को आईडेंटिफाई कर लिया जाएगा।
वहीं, आजतक की खबर के मुताबिक, मैकगैन जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में एक कुत्ता अचानक घुस गया और एक नवजात को नोचता हुआ अपने साथ बाहर ले गया। खबर में इस बात पर हैरानी जताई गई है कि जब यह सब हो रहा था तो मेटरनिटी वार्ड में किसी ने भी कुत्ते पर ध्यान नहीं दिया। जब कुत्ता बाहर निकला तो गेट के बाहर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड ने कुत्ते को देखा और कुत्ते को भगाकर बच्चे को बरामद किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। खबर के मुताबिक वह बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास गया, लेकिन तब तक नवजात की मौत हो चुकी थी।
राजस्थान में भी हुआ था ऐसा मामला
मालूम हो कि इसी तरह का मामला राजस्थान के सिरोही से भी पिछले दिनों सामने आया था। यहां अपनी मां के नजदीक ही फर्श पर सोए एक नवजात शिशु को कुत्ता उठाकर ले गया था। जब तक लोगों ने उस कुत्ते को भगाकर बच्चे को बरामद किया, तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। इस बच्चे के पिता उसी अस्पताल में एडमिट थे और उनका टीबी का इलाज चल रहा था। सीसीटीवी फुटेज में कुत्ते को अस्पताल के अंदर जाते और नवजात को उठाकर भागते देखा गया था।
जानवरों को रोकने के लिए इंतजाम क्यों नहीं – पालोना
सरकारी अस्पतालों से आए दिन इस तरह की घटनाएं सुनने को मिलती रहती हैं। इन्हें देखकर लगता है कि अस्पताल प्रशासन इन नवजातों को लेकर बहुत ही लापरवाह हैं। आखिर, आवारा जानवर अस्पताल परिसर और वार्ड में भी कैसे घुस जाते हैं।
प्रशासनिक अधिकारी परिसर में इन जानवरों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम क्यों नहीं उठाते।
पालोना का स्पष्ट मानना है कि शिशु जीवित हों या मृत, वे जानवरों के खाने के लिए नहीं बने हैं। और इसमें जानवरों का भी कोई दोष नहीं है। दोष है उन जिम्मेदारों का, जिनकी लापरवाही की वजह से आए दिन इस तरह की घटनाएं देखने और सुनने को मिलती हैं। इनमें बच्चों के माता-पिता और परिजनों से लेकर अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं।