साहस की उम्र दो दिन से ज्यादा नहीं थी। जमीन पर पड़ा था एक तालाब के किनारे। कीड़े जहां-तहां काट रहे थे। दर्द से बिलबिला रहा था, लेकिन उन कीड़ों को खुद से दूर नहीं कर पा रहा था। घटना उड़ीसा के ढेंकानाल में बुधवार को घटी, जहां एक नवजात शिशु परजंग पुलिस स्टेशन एरिया में स्थित रिया गांव में तालाब के किनारे मिला।
बाल कल्याण समिति की श्रीमती शांतिलता मिश्रा और पत्रकार रवि रणवीरा ने पा-लो ना से बातचीत में बताया कि साहस नामक यह शिशु बहुत ही खराब स्थिति में मिला था। वह करीब दो दिन का था और उसके शरीर पर कोई कपड़ा भी नहीं था। उसका वजन 1.9 किलो था। उसे कीड़े काट रहे थे, जब दुर्योधन सामल नामक ग्रामीण ने उसके रोने की आवाज सुनी। वह सुबह-सुबह जंगल की तरफ निकला था।
बच्चे की स्थिति देखते ही उसने अपनी पत्नी को बुलाया और फिर दोनों उस बच्चे को इलाज के लिए निकटवर्ती अस्पताल ले गए। वहां से ढेंकानाल लाया गया। फिलहाल वह कटक स्थित अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। उसकी स्थिति स्थिर है और स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी उसकी देखभाल कर रही है।
क्योंकि यह एक लड़का है, इसलिए लगता है कि किसी अविवाहित मां की संतान होगा। बच्चे का नाम साहस रखा गया है।
टीम पा-लो ना बच्चे के जल्द स्वस्थ होने की कामना करती है। ये सच है कि क्रूर हालातों में मिलने वाले ये बच्चे केवल और केवल अपने साहस की बदौलत ही खुद को मदद मिलने तक जिंदा रख पाते हैं। इसलिए साहस का नाम इससे बेहतर शायद कुछ हो ही नहीं सकता था।
04 अप्रैल 2018 ढेंकानाल, उड़ीसा (M)