एक छोटी सी बच्ची चादर में लिपटी सड़क किनारे जमीन पर लेटी हवा में अपने हाथ-पैर चला रही थी। लोगों ने उसे बिल्कुल अकेले पाया तो कुछ कौतुहल और कुछ संशय से वहां रुक गए। समझ नहीं आ रहा था कि इतनी छोटी सी बच्ची को वहां किसने छोड़ा होगा। राहगीरों के बीच अचरज का केंद्र बनी थी वह नन्ही जान। घटना बरही-लहवार जाने वाली सड़क पर लैला चौड़ के समीप गुरुवार को देर शाम घटी।
चाईल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर श्री दिनेश के मुताबिक, बच्ची को देख सब रहे थे, पर उठा कोई नहीं रहा था। तभी वहां से पिलखवाड़ा गांव निवासी लक्षमिणिया देवी, पत्नी रोहित मंडल अपने भतीजे के साथ बाईक से वहां से गुजर रही थीं। उन्होंने भीड़ से घिरी एक अबोध को जमीन पर पड़े देखा तो उसे उठा लिया और अपने घर आ गईं।
अगले दिन सुबह जिसने ये खबर सुनी, बच्ची को देखने उनके घर चला आया। सूचना चाईल्ड लाईन तक भी पहुंची और वहां से भावना देवी और ललन कुमार बच्ची को लेने लक्षमिणिया देवी के घर पहुंच गए। बच्ची को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और वहां से सीडब्लूसी दरभंगा के सामने। भावना देवी की शिकायत पर सनहा दर्ज की गई है।
15 मार्च 2018 दरभंगा, बिहार (F)