बच्ची को अकेला देख हैरान हुए बोगी में बैठे लोग
सेफ सरेंडर पर जनता को जागरूक करे सरकार– पालोना
30 October 2023, Raxaul, Bihar
Shinescript Team
ट्रेन में एक नवजात बच्ची को छोड़ने की घटना सामने आई है। इस बिटिया को किसी महिला ने एक बोगी में छोड़ा और वहां से रवाना हो गई। ये बच्ची एक पतले से कपड़े में लिपटी हुई थी। बोगी में बैठे लोगों ने तुरंत रेलवे पुलिस को सूचना दी। बच्ची को रेलवे और बाल संरक्षण के अधिकारियों को सौंप दिया गया। बच्ची स्वस्थ बताई जा रही है।
कब, कहाँ, कैसे
ये घटना 30 अक्टूबर 2023 की सुबह 11 बजे रक्सौल स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 2 की है I ट्रेन संख्या 05213 से रेल पुलिस ने एक नवजात बच्ची को बरामद किया। बोगी में बैठे यात्रियों ने बताया कि एक महिला इस बिटिया के साथ आई और उसको सीट पर छोड़ कर वहां से चली गई। शुरू में लोगों को लगा कि वो महिला कुछ सामान लेने गई है और थोड़ी देर में आ जायेगी। पर जब बहुत देर होने पर भी वो वापस नहीं आई तो उन्होंने रेल पुलिस को सूचित किया।
बच्ची मिलने पर पुलिस ने आसपास बैठे लोगों से पूछताछ की पर किसी ने भी उसे अपना नहीं बताया। चिकित्सकों ने जांच कर बच्ची को स्वस्थ बताया। अभी बच्ची की देखभाल मोतिहारी बाल संरक्षण कर रहा है।
पालोना को इस घटना की सूचना रांची की पत्रकार श्रीमती चेतना झा से मिली।
Pc- Jagran
क्या कहती है स्थानीय पुलिस
घटना की जानकारी देते हुए आरपीएफ अधिकारी श्री ऋतुराज कश्यप ने बताया कि सुबह 11 बजे रक्सौल स्टेशन से मोतिहारी जाने वाली ट्रेन की बोगी में एक नवजात बच्ची मिली। बच्ची के मिलते ही उन्होंने पास में बैठे सभी यात्रियों से पूछताछ की, पर कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई।
बच्ची को स्थानीय अस्पताल में जांच के लिए भेजा गया। जांच के पश्चात चिकित्सकों ने बच्ची का स्वास्थ्य अच्छा बताया। उसे आगे की देखभाल के लिए मोतिहारी बाल संरक्षण केंद्र भेज दिया है। इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और बच्ची की माँ की खोजबीन जारी है।
क्या कहता है स्थानीय मीडिया
स्थानीय मीडिया के अनुसार, बोगी में बैठे लोगों ने काफी देर तक उस महिला का इंतज़ार किया, जो बच्ची को सीट पर रखकर गई थी। फिर उन्होंने प्लेटफार्म पर ड्यूटी कर रहे हेड कांस्टेबल राजेश काजी व रेल चाइल्ड लाइन की चांदनी कुमारी को आवाज लगाई, जो वहीं ट्रेन की गतिविधियों का रूटीन चेकअप कर रहे थे।
जांच के बाद बच्ची को बाल संरक्षण केंद्र के सुपुर्द कर दिया गया है।
पालोना की सिफारिश
- पालोना का मानना है कि महिला ने अपनी बच्ची को सुरक्षित स्थान जैसे कि ट्रेन की बोगी में लोगों के बीच छोड़ा। इसलिए ये एक सुरक्षित परित्याग है।
- हालाँकि इस मामले की गहराई से जांच आवश्यक है, जिससे ये पता चल सके कि छोड़ने वाली का बच्ची से कोई रिश्ता है भी या नहीं।
- आसपास की मिसिंग रिपोर्ट भी पुलिस को देख लेनी चाहिए।
- पालोना की सरकार से अपील है कि वो लोगों में सुरक्षित और असुरक्षित परित्याग का भेद स्पष्ट कराये।
- जनता को ये भी पता होना चाहिए कि अगर अपना बच्चा किसी कारणवश छोड़ना चाहते हैं तो कैसे वो सुरक्षित और गोपनीय रूप से छोड़ सकते हैं।
- सुरक्षित समर्पण के लिए लोग अपने बच्चे को जगह जगह उपलब्ध पालनों में या अस्पताल के बिस्तर पर या बाल संरक्षण केंद्र को संपर्क कर के त्याग सकते हैं।
- सुरक्षित समर्पण उनके बच्चे को स्वस्थ रूप से किसी जरूरतमंद परिवार के पास कानूनी तौर से पहुंचा सकता है।