टाटीसिल्वे में मिला नवजात बच्ची का शव
आसपास की झाड़ी और दवाईयां भी मिलीं जली हालत में
01 FEBRUARY 2023, WEDNESDAY, RANCHI, JHARKHAND
मोनिका आर्य
रांची के टाटीसिल्वे में एक मासूम नवजात का शव मिला है। बच्ची का चेहरा देख कर ऐसा लगता है, मानो उसके चेहरे को किसी चीज से जलाया गया है। यहां तक कि उसके आस पास की झाड़ियां और साथ मिली दवाईयां भी जली हुई हालत में मिली हैं। मामला संदिग्ध नजर आ रहा है, क्योंकि बच्ची के कपड़े और उसके बाल पूरी तरह ठीक हैं।
यहां घटी घटना
पालोना को इस घटना की सूचना एक पुलिस अधिकारी से मिली। उन्होंने फोन पर बताया कि बुधवार देर शाम सात बजे के करीब एक बच्ची का शव मिलने की सूचना उनके पास आई थी। ये शव टाटीसिल्वे के माहीलोंग में चाय बागान के नजदीक एक निर्जन टांड (मैदान) में मिला है। शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया गया है।
बच्ची की फोटो देखने के बाद पालोना को ये मामला संदिग्ध लग रहा है। बच्ची का पूरा चेहरा जला हुआ नजर आ रहा है। लेकिन हैरत की बात है कि उसके कपड़े और बाल एकदम ठीक हैं। उसे हल्के जामुनी व सफेद कलर का स्वेटर पहनाया हुआ था। वहीं, नीचे लंगोट के जैसे गमछा लपेटा हुआ था।
घटना की विचित्रता को देखते हुए टाटी सिल्वे थाने के एक अधिकारी से संपर्क किया गया। उनसे हमने जानने की कोशिश की कि क्या बच्ची का चेहरा झुलसा हुआ था। हमने उनसे कुछ और भी सवाल किए। उन्होंने विस्तार से घटना के बारे में बताया।
शाम के 7:00 बजे हमें टाटीसिल्वे के माहीलोंग में बच्ची का शव होने की सूचना मिली थी। मासूम नवजात का शव सड़क किनारे गड्ढे पर मिला था। साथ वाले गड्ढे में कुछ दवाईंयां, जॉनसन साबुन और कैल्शियम की बोतल आदि जली हुई हालत में मिलीं। आस पास की झाड़ियां भी जली हुईं थीं। बच्ची का चेहरा भी झुलसा हुआ लग रहा था, लेकिन उसके बाल और शरीर पर पहने हुए कपड़े एकदम ठीक थे। अगर उसे जलाया जाता तो उसके बाल और कपड़े भी जल जाते। हो सकता है कि आसपास लगी आग की कालिख उसके चेहरे पर लगी हो।
पास के एक डॉक्टर को बुलाकर दवाईंयों के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि बच्चों को दी जाने वाली दवाईंयां है। बच्ची के शरीर पर कहीं भी कोई पट्टी या कैनुला आदि नजर नहीं आए।
घटना की सूचना रात को ही सीनियर अधिकारियों को दे दी गई थी। एएसपी मुमुल राजपुरोहित स्वयं घटनास्थल पर पहुंचीं। डॉग स्कवॉड की भी मदद ली गई। रात 12 बजे तक इस घटना को अंजाम देने वालों की तलाश में पुलिस लगी हुई थी, लेकिन कोई सुराग अभी तक हाथ नहीं आया है।
गुरुवार दिन में एफएसएल (FSL) टीम ने मौके पर पहुंचकर सैंपल एकत्रित किए हैं। बच्ची के शव को रात को ही पोस्टमॉर्टम के लिए रिम्स भिजवा दिया गया था। वहां डॉक्टर को जलने वाली बात भी बताई गई है, ताकि उनके संज्ञान में रहे।
https://paalonaa.in/meerut-ke-hospital-ke-shauchalaya-me-prasav-akhir-kyo/
पालोना का पक्ष
ये बड़ा पेचीदा मामला है। अब तक ऐसा मामला पालोना के सामने नहीं आया है। कई सवाल हैं पालोना के समक्ष, जिन्हें यहां जाना जा सकता है।
- अगर बच्ची को जलाया गया है तो उसके बाल कैसे सही सलामत हैं?
- अगर बच्ची के चेहरे पर आसपास के धुएं से कालिख जम गई थी तो वह पुलिस अधिकारियों के हाथों पर क्यों नहीं लगी, जब उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा रहा था?
- क्या बच्ची को कपड़े, उसकी मौत के बाद पहनाए गए थे?
- क्या ये तंत्र मंत्र का मामला है?
- या कहीं ऐसा तो नहीं कि बच्ची का जन्म ऐसे ही झुलसे चेहरे के साथ हुआ हो और इसी लिए उसे वहां डाल दिया गया हो?
- अगर ऐसा है तो आस पास की चीजें क्यों जलाई गईं?
- क्या पुलिस को मिसगाइड करने की कोशिश की गई है?
- बच्ची की पहचान उजागर न हो, क्या इसीलिए सब जलाया गया है?
सवाल अनेक हैं। फिलहाल जवाब एक भी नहीं। इसके लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। पुलिस को इस मामले में प्रथम दृष्ट्या आईपीसी 318 के तहत FIR दर्ज करनी चाहिए। यदि पीएम रिपोर्ट में बच्ची की हत्या की पुष्टि हो जाती है तो ये आईपीसी 315 और 302 के साथ साथ जेजे एक्ट सेक्शन 75 का मामला बनता है।
03 साल पहले 21 फरवरी 2020 में मध्य प्रदेश से ऐसी ही एक घटना पालोना से शेयर हुई थी, जिसमें मासूम नवजात बच्ची के ऊपर राख डाल दी गई थी। बच्ची की स्थिति को देखकर ऐसा लग रहा था कि ऐसा कृत्य बच्ची के जिंदा रहते ही किया गया होगा। और राख में दबने से ही उसकी मौत हो गई हो।
राहत की बात ये है कि टाटी सिल्वे पुलिस इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है। जांच के दौरान छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा जा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्दी ही यह पता चल सकेगा कि बच्ची के साथ असल में हुआ क्या था।