बच्ची को अकेला देख हैरान हुए बोगी में बैठे लोग
सरकार कब ध्यान देगी इन बच्चों पर – पालोना
31 October 2023, Pune, Maharashtra
Shinescript Team
31 अक्टूबर को हडपसर पुलिस स्टेशन की दामिनी मार्शल और तुकाई मार्शल को ससाने नगर में आपातकालीन कॉल के माध्यम से एक सूचना मिली। मौके पर पहुंचने पर दामिनी मार्शल को पता चला कि चार दिन की एक नवजात बच्ची को कोई अज्ञात व्यक्ति गली नंबर 13 में छोड़ गया था। बच्ची को तुरंत पास के अस्पताल में भेजा गया और प्राथमिक उपचार दिया गया।
कब, कहाँ, कैसे
इस घटना की सूचना पालोना को WAIC की मीरा मारती जी से मिली। इसके अनुसार, 31 अक्टूबर को शाम लगभग 05.30 बजे हडपसर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रवींद्र शेलके के मार्गदर्शन में दामिनी मार्शल घटना स्थल पर पहुंचे। उनके साथ महिला पुलिस अधिकारी वैशाली उदमाले, राजश्री जाधव, मंजूषा डेंगले, उषा सोनकांबले और तुकई दर्शन मार्शल पवार और बजरंग धायगुडे भी थे। वहां पहुँचने पर उन्होंने पाया कि बच्ची उस स्थान पर रो रही थी और उसके पास बिल्ली थी। बच्ची के चेहरे पर बिल्ली के खरोंचने के निशान दिखाई दिए।
पुलिस टीम नवजात बच्ची को तत्काल सासाने नगर में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सचिन सनाप के पास ले गई और उसे प्राथमिक उपचार दिलाया। वहीं, इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को दी गयी।
नवजात बच्ची को बाल कल्याण समिति क्रमांक 1 को सौंप दिया गया। बाल कल्याण समिति ने उसकी देखभाल और सुरक्षा के लिए यरवदा स्थित भारतीय समाजसेवा केंद्र कोरेगांव पार्क को आदेश दिया।

Pc- Pune News
स्थानीय पुलिस के मुताबिक
पुलिस कांस्टेबल पवार ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ बच्चे को छोड़ने की शिकायत दर्ज कराई है I भारतीय दंड संहिता की धारा 317 के तहत मामला दर्ज किया गया है
क्या कहता है स्थानीय मीडिया
स्थानीय मीडिया के अनुसार, ये बच्ची जब मिली थी तो उसकी स्थिति अच्छी नहीं थी। इसीलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत ही बच्ची को बाल चिकित्सक डॉ सचिन सनाप के पास जांच के लिए भेजा। बच्ची को छोड़ते हुए एक अज्ञात व्यक्ति दिखा था, जिसकी खोज में पुणे पुलिस लग गई है।
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पालोना की सिफारिश
- बच्ची को ऐसे सड़क पर छोड़ना उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
- बच्ची के पास बिल्ली का मिलना इस बात की ओर इशारा करता है कि अगर पुलिस समय से नहीं पहुँचती तो बच्ची को बहुत क्षति हो सकती थी।
- यह असुरक्षित परित्याग है, इसे रोकने के लिए सरकार को सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है।
- सरकार को जन जागरूकता करना जरूरी है। अगर किसी को अपना बच्चा छोड़ना है तो ऐसे असुरक्षित छोड़ने की जगह सुरक्षित किसी पालने में या अस्पताल के बिस्तर पर भी रख सकते हैं।
- इसके अलावा, सुरक्षित समर्पण (Safe Surrender) के लिए बाल कल्याण समिति को भी संपर्क किया जा सकता है।
- बाल कल्याण समिति पूरी प्रक्रिया गोपनीय रखते हुए बच्चे को अपनी कास्टडी ले लेती है। ये कानूनन भी सही है।