वह नवजात बच्ची टॉयलेट सीट के अंदर फंसी हुई थी। उसके प्राण निकल चुके थे। उसकी इस हालत का जिम्मेदार वहां से गायब था और लोगों के निशाने पर फिर एक बार थी, उसे जन्म देने वाली मां। इसके पीछे पुख्ता वजह भी थी। बच्ची के साथ उसे जन्म देने वाली के खून सने कपड़े भी उस टॉयलेट में मौजूद थे। घटना मुजफ्फरनगर के मीरापुर में मुख्य बस स्टैंड पर बने नगर पंचायत के सार्वजनिक शौचालय में मंगलवार रात्रि किसी समय घटी।
जागरुक नागरिक श्रीमती शोभा आर्य ने पा-लो ना को घटना की जानकारी दैनिक जागरण अखबार के माध्यम से दी, जिसमें इस घटना की रिपोर्ट छपी थी, जिसकी पुष्टि स्थानीय पत्रकार से की गई।
इसके मुताबिक, बुधवार सुबह सफाई कर्मचारी नरेश कुमार, अनिल तथा विनोद सफाई करने के लिए महिला शौचालय पहुंचे तो वहां इंडियन पॉट में एक नवजात बच्चे को देखकर भौंचक्के रह गए। उसका शव टायलेट सीट के अंदर फंसा था। किसी तरह सफाई कर्मचारियों ने शव को निकाला। यह एक लड़की थी, जिसे जन्म के तुरंत बाद ही त्याग दिया गया था। इस बात की सूचना जल्द ही चारों तरफ फैल गई और लोगों की भीड़ वहां इकट्ठा हो गई।
आसपास के दुकानदारों और बस स्टैंड कर्मियों के मुताबिक, दिशा शौच आदि के लिए वे भी इसी शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। मंगलवार देर शाम तक शौचालय में कोई शव नहीं था। इसका मतलब है कि मंगलवार देर रात ही शौचालय में नवजात के शव को फेंका गया है। लोगों को मुताबिक या तो वह बच्ची अविवाहित मां की संतान होगी या फिर उसका कन्या होना ही उसकी जान के लिए जोखिम बन गया।
बच्ची के शव की सूचना मिलते ही पुलिस भी घटनास्थल पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। एसआई विनोद कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद दो दिन तक शव को मोर्चरी पर पहचान के लिए रखा जाएगा और उसके बाद उसका अंतिम संस्कार होगा।
18 सितंबर 2018 मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश (F)