एक महीने की नन्ही सी बच्ची का उसके पिता ने न केवल गला घोंट दिया, बल्कि उसे खाट पर भी पटक दिया। एक बच्ची, जो कुछ ही दिन पहले जन्मी हो, शरीर की चोटों को तो सह भी लेती, लेकिन पिता के इस बर्बर रूप से मन पर लगी चोट को कैसे भुला पाती। इसलिए उसने जीने के लिए कोई जद्दोजहद ही नहीं की। घटना देवघर के सिंघवा गांव में गुरुवार रात्रि घटी।
पत्रकार श्री रजनीश गुप्ता ने पा-लो ना को बताया कि देवघर नगर थाना क्षेत्र के सिंघवा गांव में 35 दिनों की नवजात बच्ची को उसके पिता ने ही गला घोंट कर मार डाला। बच्ची को खाट पर पटक पिता वहां से भाग गया। जिस वक्त यह घटना घटी, सभी लोग घर पर ही थे। वह बच्चे को लेकर उसे गोद में खिलाने का नाटक करते हुए बाहर निकला, गला दबाया और खाट पर पटक कर फरार हो गया। जब तक घरवाले कुछ समझ पाते, बच्ची की धड़कनें थम चुकीं थीं।
श्री गुप्ता के मुताबिक, यह उस दंपति का पहला ही बच्चा था। प्राथमिक तौर पर जो बातें सामने आ रही हैं, मृत बच्ची की मां, मामा और अन्य परिजनों ने जो बयान दिया है, उससे ऐसा लगता है कि बच्ची का पिता बेटी होने से नाखुश था। जब से बेटी हुई थी, तभी से वह फ्रस्ट्रेटिड था। पेशे से मजदूर वह बिहार के चानन का रहने वाला है। उसकी पत्नी डिलीवरी के बाद बच्ची को लेकर अपने मायके देवघर में रह रही थी, जहां वह अक्सर आता-जाता रहता था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट और गले का घुटना, दोनों ही बातें स्पष्ट रूप से निकल कर आईं हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
टीम पा-लो ना इंसानियत के इस रूप की घोर निंदा करती है और लोगों से ये अपील भी करती है कि अबोध मासूम बच्चों के साथ इतने वहशियाना ढंग से पेश न आएं। इसके साथ ही हम समाज के अन्य लोगों को चेताना भी चाहते हैं कि जो व्यक्ति अपनी संतान के साथ ऐसा कर सकता है, वह संपूर्ण समाज के लिए कितना ब़ड़ा खतरा हो सकता है। ऐसे न जाने कितने हत्यारे हमारे समाज में खुलेआम घूम रहे हैं। उन्हें पहचानिए और कानून के हवाले कीजिए, वरना खतरा आपके बच्चे और आप पर भी हो सकता है।
19 जुलाई 2018 देवघर, झारखंड (F)