चार माह के बच्चे को गड्ढे में डुबो दिया
गुमला के कामडारा थाना क्षेत्र की घटना
17 अगस्त 2022, बुधवार, गुमला, झारखंड।
झारखंड में नवजात की हत्या का मामला सामने आया है। सूचना मिली है कि पत्नी से झगड़े के बाद पति ने अपने चार माह के बेटे की हत्या कर दी। यही नहीं, नवजात की हत्या के बाद फोन पर हत्या की सूचना भी दी। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है।
ऐसी घटी घटना
ये घटना बुधवार को गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र में घटी। पोकला रेलवे स्टेशन के पास बरदानाला के समीप पानी भरे गड्ढे में एक पिता ने अपने नवजात शिशु को डाल दिया। पालोना को घटना की जानकारी गुमला के पत्रकार श्री नरेश से मिली।
हरियाणा के चरखी दादरी का रहने वाला है आरोपी पति
कामडारा थानेदार कौशलेंद्र कुमार के हवाले से उन्होंने बताया कि आरोपी पिता सत्येन्द्र जाट को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह गाँव ब्रिकला, जिला चरखीदादरी, हरियाणा का रहने वाला है। उसकी शादी 05 वर्ष पूर्व खूंटी जिले के रनिया थाना क्षेत्र के गाँव मरचा बानाबीरा की लक्ष्मी तोपनो से हुई थी। दोनों के 02 बच्चे भी हुए। बड़ी बेटी पल्लवी 02 वर्ष की है, जबकि मृतक पुत्र सोनू जाट का जन्म चार माह पहले ही हुआ था।
वह बुधवार को ही अपने परिवार को लेकर मरचा बानाबीरा पहुंचा था। यहां लक्ष्मी ने सत्येंद्र से कहा कि वह लक्ष्मी के पिता के साथ काम करे। सत्येंद्र इसके लिए तैयार नहीं था। इसी पर दोनों के बीच बहस बढ़ती गई। लक्ष्मी ने सत्येंद्र को कहा कि वह बच्चों को लेकर अपने घर चला जाए। वह उन्हें नहीं पाल सकती। लक्ष्मी ने ये भी कहा कि वह अपने घर पर ही रहेगी।
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गड्ढे में डाल दिया मासूम को
बहस के बाद सत्येंद्र दोनों बच्चों को लेकर घर से निकल गया। वह पोकला स्टेशन जाने वाली पक्की सड़क किनारे स्थित बरदानाला पहुंचा। वहां समीप ही पानी भरा गड्डा था। सत्येंद्र ने मासूम सोनू को उसी गड्ढे में डाल दिया। फिर दो घंटे बाद गड्डे से बच्चे के शव को निकाल लिया। मगर तब तक नवजात की मृत्यु हो चुकी थी। गोद में बच्चे के शव को लिये वह पोकला गेट में घूमने लगा। साथ में बेटी पल्लवी भी थी।ग्रामीणों ने बच्चे के शव को देख पुलिस को सूचना दी। तत्काल कामडारा पुलिस पोकला पहुँची। पुलिस ने सत्येंद्र को गिरफ्तार शव को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया। पोस्टमार्टम के लिये इसे बृहस्पतिवार को गुमला भेजा जायेगा।
साली को दी सूचना
इससे पूर्व सत्येंद्र ने खुद फोन कर अपनी साली (पत्नी की बहन) को नवजात की हत्या की सूचना दी। खबर मिलते ही लक्ष्मी बदहवाश हालत में पोकला पहुँची। अपने मासूम बच्चे के शव को देखने के बाद मां की स्थिति का का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
पालोना का पक्ष
पालोना का मानना है कि ये आवेश में आकर किया गया अपराध है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति अपने बच्चे की हत्या नहीं करेगा।
इसके अलावा, दोनों अलग-अलग परिवेश में पले बढ़े हैं। ये संभव है कि दोनों के बीच में अक्सर छोटी-छोटी बातों पर बहस होती रही हो। जो आरोपी सत्येंद्र के मन में इकट्ठी होती जा रही हों। और लक्ष्मी द्वारा अलग रहने की बात ने उस सारे गुस्से को ट्रिगर कर दिया हो।
ये भी संभव है कि वह पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हो। आमतौर पर भारत में Postpartum Depression पर बहुत बात नहीं होती।यदि होती भी है तो केवल उन महिलाओं के संदर्भ में, जो हाल में मां बनी हैं। अक्सर पिताओं को इससे बाहर रखा जाता है। लेकिन असल में पिता भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार होते हैं। इसका जिक्र फॉरेन स्टडीज में मिलता है।