पास के ग्रामीणों ने बचाई बिटिया की जान
सरकार की एक पहल बचा सकती है ऐसे मासूमों की जान– पालोना
01 November 2023, Mewat, Haryana
Shinescript Team
हरियाणा के नूंह जिले से एक संगीन मामला सामने आया है। वहां कुछ ग्रामीणों को एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। ध्यान देने पर पता चला कि कचरे के ढेर से आवाज़ आ रही थी। कचरे में देखने पर एक नवजात बच्ची कपड़े में लिपटी हुई पाई गई। प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची का स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा।
कब, कहाँ, कैसे
नूंह जिले के गोधौला गांव के इस मामले की जानकारी पालोना को रेवाड़ी मीडिया के साथी श्री सुनील कुमार से मिली।
ये घटना गत बुधवार 01 नवंबर 2023 की दोपहर करीब 12 बजे की है। गांव के कुछ बच्चों की खेलते हुए कचरे के ढेर पर जब नजर पड़ी तो उन्हें ये छोटी सी बिटिया दिखाई दी। ये बच्ची एक कपड़े में लिपटी हुई थी।
उन्होंने तुरंत ही गांव के बाकी लोगों को खबर दी। सूचना मिलते ही वहां काफी भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने बच्ची को कचरे से उठाया और पुलिस को इस मामले की सूचना दी।
Pc- Jagran
क्या कहती है स्थानीय पुलिस
खबर मिलते ही पुन्हाना थाना प्रभारी अरविन्द कुमार और उनके साथी घटनास्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों ने बच्ची को पुलिस के सुपुर्द कर दिया। उसे तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए पुन्हाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। जांच से पता चला कि बच्ची का जन्म एक-दो दिन पहले ही हुआ होगा। चिकित्सकों ने जांच के बाद बच्ची को एकदम स्वस्थ बताया और उसका वजन पूरा बताया। प्राथमिक उपचार के बाद इस नवजात बच्ची को नागरिक अस्पताल मांडीखेड़ा भेज दिया गया।
क्या कहता है स्थानीय मीडिया
नवजात बच्ची की खबर मिलते ही गांव में काफी भीड़ जमा हो गई। बहुत से लोगों ने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई। हालाँकि पुलिस ने इंकार कर दिया और लोगों को बताया कि इस मामले में कानूनी कार्यवाही होगी। बच्ची को गोद लेने के लिए कारा से संपर्क करना होगा। लीगल एडॉप्शन का वही सबसे सही तरीका है।
पालोना की अपील
- बच्ची को ऐसे कचरे के ढेर में फेंकना अमानवीय है।
- कचरे के ढेर में होने के कारण बच्ची को कई इन्फेक्शन हो सकते हैं और लावारिस जानवरों के हमले का भी खतरा है।
- ये एक असुरक्षित परित्याग है और ये समझना अति आवश्यक है।
- सरकार को ऐसे जुर्म के खिलाफ नए और सख्त कानून बना कर एक नई पहल करनी चाहिए।
- लोगों में असुरक्षित और सुरक्षित परित्याग की समझ बढ़ानी जरूरी है।
- कोई अगर किसी कारणवश अपना बच्चा पालने में असमर्थ है तो उसे अपने बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंप देना चाहिए।
- सुरक्षित समर्पण की प्रक्रिया गोपनीय तरीके से संपन्न की जाती है।
- इससे बच्चा से चुपचाप सुरक्षित स्थान पर पहुँच जाता है।
- इच्छुक लोग अपने शिशु को सार्वजनिक जगह पर मौजूद पालनों में या अस्पताल के बिस्तर पर भी रख सकते हैं।