पॉलिथीन में लिपटा छोड़ के भागे माता-पिता
असुरक्षित परित्याग करने वालों को सजा ही है एकमात्र उपाय – पालोना
05 November 2023, Nilagiri, Orissa
Shinescript Team
उड़ीसा के बालासोर जिले के नीलगिरी नोटिफाइड एरिया कौंसिल से एक चिंतनीय घटना सामने आई है। एक नवजात बच्ची पॉलिथीन में लिपटी हुई एक सुनसान इलाके में पाई गई। बच्ची को तुरंत ही पास के अस्पताल में भेजा गया और प्राथमिक उपचार दिलवाया गया।
कब कहाँ कैसे
ये घटना बालासोर जिले के स्वर्णचुड़ तलहटी की है। रविवार, 05 नवंबर 2023 की सुबह स्थानीय निवासियों को स्वर्णचुड़ तलहटी के एक सुनसान इलाके में बच्ची के रोने की आवाज़ सुनाई पड़ी। पास जा कर देखने पर पता चला कि एक नवजात बच्ची पॉलिथीन में लिपटी हुई ऐसे ही रखी हुई है। उन्होंने तुरंत ही बच्ची को उठाया। मौके पर स्थानीय एमपी के ख़ास सहायक भी मौजूद थे। उन्होंने तुरंत ही नीलगिरी पुलिस थाने में सूचना दी।
बच्ची को बिना विलम्ब किये नीलगिरी स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए भेजा गया। पर बच्ची की स्थिति खराब होती देख कर उसे बालासोर के जिला अस्पताल में आगे के उपचार के लिए भेजा गया। बच्ची की स्थिति अब ठीक बताई जा रही है। उसका वजन करीब 2 किलोग्राम और 640 ग्राम बताया जा रहा है।
ये जानकारी पालोना को WAIC की को–फाउंडर मीरा मारती जी से मिली।
क्या कहती है स्थानीय पुलिस
पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने बच्ची के माता-पिता की पहचान कर ली। बच्ची की मां का नाम दमयंती और पिता का नाम रमेश नाइक है और वो कलाकड़ ग्राम के निवासी हैं। जब लोगों ने बच्ची के माता-पिता से इस घटना के बारे में पूछा तो उन्होंने माफ़ी मांगते हुए बोला कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो गई है। इस घटना में अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है।
क्या लिखता है स्थानीय मीडिया
मीडिया का कहना है कि फिलहाल इस मामले में माता पिता के खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। पर पुलिस जब बच्ची के घर पहुंची तो उन्होंने पाया कि बच्ची के माता-पिता किराये का अपना घर बंद करके वहां से फरार हो गए हैं।
पालोना की अपील
- ये असुरक्षित परित्याग है, जो कि बच्ची के लिए घातक साबित हो सकता था।
- बच्ची को ऐसे खुले स्थान पर छोड़ने से उसको कोई जानवर उठा कर ले जा सकता था या ठण्ड लगने के कारण बच्ची का स्वास्थ्य खराब हो सकता था।
- ऐसे अभिभावकों के खिलाफ तुरंत ही रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए और सख्त कदम उठाने चाहिए।
- लोगों को सुरक्षित समर्पण और असुरक्षित परित्याग का भेद समझाना चाहिए।
- ये भी आवश्यक है कि लोगों को पता चले कि यदि उन्हें अपना बच्चा किसी कारणवश छोड़ना है तो उसे कैसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जा सकता है।
- सुरक्षित समर्पण को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर कई जगह पालनों (क्रेडल) की सरकार ने व्यवस्था की हुई है।
- लोग अपना बच्चा सुरक्षित तौर पर बाल कल्याण समिति के माध्यम से सरकार को सौंप सकते हैं।
- कुछ विशेष जानकारी न होने पर वे उस मासूम को छोड़ने के लिए कम से कम अस्पताल के बिस्तर को तो चुन ही सकते हैं।