नासिक में मिला बच्ची का शव
कहीं ये हत्या तो नहीं: पालोना
28 NOVEMBER 2022, MONDAY, NASIK, MAHARASHTRA.
एक खाली प्लॉट था। वहां कुत्ते मंडरा रहे थे। उनके मुंह पर खून लगा हुआ था। किसी राहगीर ने ये देख पुलिस को सूचित किया। पुलिस वहां पहुंची। उन्होंने जो देखा, उसने उनके रौंगटे खड़े कर दिए और आंखों में आंसू आ गए। ये एक नवजात मासूम का शव था।
यहां घटी घटना
घटना नासिक के अंबाद स्थित चुंचाले गांव की है। यह सोमवार को वहां घटी। पालोना को इस घटना की जानकारी पुणे की पूर्व सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष डॉक्टर महादेवी जाधावर तांबड़े जी से मिली।
उन्होंने मराठी में छपी एक खबर को पालोना से शेयर किया। इसके मुताबिक, नासिक के अंबाद स्थित चुंचाले गांव में सोमवार सुबह एक खाली प्लॉट में नवजात मासूम का क्षत-विक्षत शव मिला। शव को जानवरों ने अपना निशान बना लिया था। किसी राहगीर ने पुलिस को सूचना दी। उस बच्ची की स्थिति इतनी खराब थी कि पुलिसकर्मियों की आंखों में आंसू आ गए।
पुलिस के मुताबिक, जन्म के तुरंत बाद ही नवजात मासूम के शरीर को वहां डाल दिया गया था। पोस्टमॉर्टम के दौरान यह बात सामने आई कि बच्ची केवल एक दिन की थी। आईपीसी 317 के तहत पुलिस ने केस दर्ज किया है।
ये होना चाहिए था– पालोना
यदि किसी नवजात बच्चे या बच्ची का शव कहीं मिलता है तो प्रथम दृष्टया उस मामले में आईपीसी 318 का केस बनता है।
इन स्थितियों में लग सकती है इंडियन पीनल कोड की धारा 315 (IPC 315)
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यदि बच्चे की हत्या की पुष्टि होती है, तब वह मामला IPC 315 में कनवर्ट हो जाएगा।
- यदि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ऐसी कोई बात सामने आती है, जिससे लगे कि बच्चे को जब छोड़ा गया, वह जीवित था, और बाद में उसी वजह से उत्पन्न स्थितियों के परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हुई है, तब उस मामले में भी आईपीसी 315 लगेगा।
- यदि किसी ने परित्यक्त नवजात को जीवित अवस्था में देखा हो और फिर उन्हीं हालातों की वजह से उसकी मौत हुई हो तब भी आईपीसी 315 का केस बनता है।
उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर उसमें अन्य सेक्शंस भी लगाए जाएंगे।
पुणे की पूर्व सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष डॉक्टर महादेवी जाधावर तांबड़े जी ने शिशु हत्या की इन घटनाओं को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं, जिन्हें इस वीडियो में सुना जा सकता है–