वह नन्हा सा बच्चा नाले के पानी में डूबा था, जब एक स्कूल बस के ड्राइवर ने उसे देखा। ड्राइवर ने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। कुछ ही देर में पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई और बच्चे को वहां से निकाल दिया। घटना दिल्ली के बवाना थाना क्षेत्र में लीफ पब्लिक स्कूल के पास शुक्रवार सुबह 11:00 बजे के आसपास घटी।
पत्रकार श्री राजन शर्मा ने पा-लो ना को इस घटना की जानकारी दी, जिसकी पुष्टि कुलदीप नाम के ड्राइवर ने की। ये वही कुलदीप हैं, जिन्होंने पुलिस को फोन के द्वारा बच्चे के नाले में पड़े होने की सूचना दी थी, और जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची थी। कुलदीप के मुताबिक नरेला रोड पर बवाना थाना क्षेत्र में लीफ पब्लिक स्कूल के पास एक नाला है। शुक्रवार सुबह 11:00 बजे के आसपास किसी ने उन्हें नाले में एक नवजात बच्चे के पड़े होने की सूचना दी। जब तक वह उस स्थान पर पहुंचे, वहां काफी लोग इकट्ठा हो चुके थे, लेकिन किसी ने भी पुलिस को फोन नहीं किया। शिशु पानी में था और उसके दोनों पैर सिकुड़े हुए थे। इसी वजह से ये नहीं जाना जा सका कि शिशु लड़का था या लड़की।
तब यह सोच कर कुलदीप ने पुलिस को फोन कर दिया कि न जाने किस कारण से बच्चे के परिजनों ने उसे त्याग दिया है, कम से कम उसकी अंतिम क्रिया ठीक से हो जाए। यह बताना बहुत मुश्किल है कि बच्चे को जीवित अवस्था में छोड़ा गया था या मृत्यु के बाद। जब तक लोगों की नजर उस पर पड़ी, बच्चे में प्राण नहीं बचे थे।
अफसोस की बात यह है कि आज के दौर में भी माता पिता अपने मासूम नवजात बच्चों को नालों, डस्टबिन, रेलवे पटरियों, पोखरों, तालाबों आदि में असुरक्षित छोड़ देते हैं, जबकि सरकार उनके संरक्षण के लिए तैयार है।
28 दिसंबर 2018 दिल्ली (U)