Gents Toilet में मिला बच्ची का शव
परिवार ने शोर क्यों नहीं मचाया–पालोना
16 DECEMBER 2022, FRIDAY, MEERUT, UP
उस दिन भी रोज की तरह ही चहल पहल थी। मरीजों का आना जाना लगा हुआ था। उन्हीं में से कुछ लोग जब पुरुष शौचालय की तरफ गए, तो वहां कोहराम मच गया। क्योंकि वहां हर तरफ खून ही खून बिखरा हुआ था। ऐसा लगता था, मानो कुछ देर पहले उसी शौचालय में प्रसव करवाया गया हो।
अस्पताल के शौचालय में प्रसव! आखिर क्यों?
क्या राज था इसके पीछे?
कब, कहां, कैसे
पालोना को इस घटना की सूचना रांची के पत्रकार श्री अरविंद कुमार से मिली। इसके बाद मेरठ के सीनियर जर्नलिस्ट्स श्री ज्ञान प्रकाश और मनविंदर भिंभर से संपर्क किया गया। उन्होंने जो जानकारी दी, उसके मुताबिक, शौचालय में बच्ची का शव मिलने की ये घटना मेरठ के पीएल शर्मा अस्पताल में शुक्रवार दोपहर को सामने आई।
https://paalonaa.in/hardoi-ye-kahan-chhor-gaye-tum-masum-bachchi-ko-newborn-baby-girl-found-on-garbage-pile-in-hardoi/
कुछ लोग जेंट्स टॉयलेट का इस्तेमाल करने गए तो वहां उन्हें फर्श पर बहुत सारा खून बिखरा हुआ मिला। यही नहीं, टॉयलेट पैन में एक नवजात शिशु भी अटका हुआ था। ऐसा लगता था कि उसे फ्लश करने की कोशिश की गई हो, लेकिन वह अटक गया हो।
आनन फानन सफाई कर्मियों को बुला कर शव को बाहर निकलवाया गया। यह शव एक बच्ची का था। सीसीटीवी फुटेज में बुर्के में दो लोग जेंट्स टॉयलेट की तरफ जाते नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि बच्ची के तार इन्हीं से जुड़े हैं।
पुलिस की जांच वी पीएम रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्ची की मौत जन्म से पहले ही हो गई थी। अस्पताल प्रशासन ने भी ये कहते हुए इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है कि उनके यहां कोई गर्भवती महिला नहीं थी, जिसका प्रसव वहां हुआ हो।
कई सवालों के जवाब नहीं मिल रहे: पालोना
इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जिन्हें आप इस वीडियो में सुन सकते हैं। देखें वीडियो👉
पालोना को इन सवालों के जवाब की तलाश है। पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने जब इस केस से हाथ खड़े कर लिए हैं तो आखिर यमें जवाब कौन देगा? क्या इसके दोषी कभी पकड़े जाएंगे?
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किसी वजह या मजबूरी से यदि शिशु को पालने में समर्थ नहीं हैं तो ⬇️
✅ उसे सरकार की सेफ सरेंडर पॉलिसी के तहत सीडब्ल्यूसी को सुरक्षित सौंप दें।
✅ सार्वजनिक स्थान पर लगवाए गए पालनों में रख दें।
❎ संरक्षण के बिना, सुरक्षा के बिना किसी भी नवजात शिशु को कहीं छोड़ना नैतिक, मानवीय और कानूनी रूप से जघन्य अपराध है।