बेगुसराय में ममता और मानवता उस वक्त शर्मसार हो गई, जब कूड़े के ढेर में एक नवजात शिशु के शव को कुत्ते घंटों नौंचते रहे, लोग उसका विजुअल बनाते रहे, लेकिन न शिशु को वहां छोड़ने वालों ने इस बारे में कुछ सोचा और न ही वहां मौजूद भीड़ ने कुत्तों को भगाने की जहमत उठाई। घटना बुधवार को नगर थाना क्षेत्र के पोखरिया में घटी।
पत्रकार श्री राजेश कुमार की सूचना पर पा-लो ना ने बेगुसराय के पत्रकार श्री जितेंद्र कुमार से संपर्क किया तो इस लोमहर्षक घटना का ब्यौरा पता चला। इसके मुताबिक, बेगुसराय के पॉश इलाके पोखरिया के उस रास्ते से प्रतिदिन सैंकड़ों लोग गुजरते हैं, लेकिन बुधवार को वहां से गुजर रहे लोग कुछ पलों के लिए ठहर जाते। वहां नजारा ही कुछ ऐसा था कि लोग वहां रुकने को बाध्य हो जाते। कुछ कुत्ते एक नवजात शिशु के शव को खा रहे थे। लोग वहां आस-पास तमाशबीन बनकर खड़े रहे, लेकिन किसी ने उन्हें भगाने और शिशु के शव को उस दुर्गति से बचाने का प्रयास नहीं किया।
फिर कुछ मीडियाकर्मियों के हस्तक्षेप और सूचना के बाद पुलिस वहां पहुंची, लेकिन तब तक कुत्ते उस अबोध बच्चे के दोनों पैर खा चुके थे। बच्चे की स्थिति कुछ ऐसी थी कि देखी नहीं जा रही थी। उसे सदर अस्पताल पहुंचा दिया गया, लेकिन तब तक ममता और मानवता दोनों शर्मसार हो चुकी थीं।
प्रत्यक्षदर्शी इस घटना के लिए बच्चे की मां से लेकर मौहल्ले में मौजूद चिकित्सकों तक को दोषी ठहरा रहे थे। मीडिया समेत सभी लोगों को अंदेशा है कि बच्चे को जीवित भी वहां छोड़ा जा सकता है, लेकिन सारी जानकारी मिलने के बाद टीम पा-लो ना को ये महसूस हुआ कि ये स्टिलबर्थ का मामला भी हो सकता है, जिसमें बच्चे की मौत के बाद उसकी अंतिम क्रिया से बचने के लिए कूड़े के ढेर पर छोड़ दिया गया हो।
08 अगस्त 2018 बेगुसराय, बिहार (M)