वह अपनी तीन माह की बेटी को लेकर मध्यप्रदेश गई थी, लौटी तो बेटी साथ नहीं थी। आस-पड़ौस के लोगों ने पूछा तो उसने कहा, बेटी बहुत बीमार थी, उसकी मौत हो गई तो वहीं दफना दिया। पड़ौसियों को विश्वास नहीं हुआ और उनके अविश्वास ने उस निरपराध मासूम बच्ची के कत्ल की कहानी पर पड़ा पर्दा हटा दिया। घटना राजस्थान के कोटा शहर की है।
पत्रकार श्री हंसपाल यादव ने पा-लो ना को बताया कि कोटा के गुमानपुरा थाना क्षेत्र में मल्टीपर्पज स्कूल के पास मजदूरों की बस्ती है। वहीं यह महिला अपने परिवार के साथ रहती थी। इसकी तीन माह की एक बेटी थी। कोटा का यह इलाका मध्यप्रदेश के झबुआ से लगा हुआ है। कुछ दिनों तक महिला गायब रहने के बाद वापिस अपनी बस्ती पहुंची तो लोगों ने उससे उसकी बेटी के बारे में पूछताछ की। जवाब में उसने बताया कि बेटी की बीमारी से मौत हो गई है। इसलिए वह उसे वहीं दफना आई है।
लोगों को ये बात हजम नहीं हुई। किसी ने बाल कल्याण समिति कोटा को इसकी सूचना दी। समिति और गुमानपुरा थाने के लोगों ने जब महिला से पूछताछ की तो उसने सारा सच उगल दिया। इसके मुताबिक, वह अपनी बेटी को लेकर मध्य प्रदेश के झबुआ गई थी। वहीं अपनी फूल सी बच्ची का कत्ल करके उसने रेलवे स्टेशन के नजदीक डस्टबिन में फेंक दिया था। बाल कल्याण समिति कोटा के विजय कुशवाहा और गुमानपुरा थाना पुलिस के कांस्टेबल दशरथ सिंह झबुआ पहुंचे और महिला की निशानदेही पर मेघनगर जीआरपी एरिया में स्थित रेलवे स्टेशन के बाहर कचरे के ढेर से बच्ची का शव बरामद किया। शराब की आदि बताई जा रही है।
इस घटना में पड़ौसियों ने अपनी आंख-कान खुले रखे, जिससे बच्ची के गायब होने के रहस्य पर से पर्दा उठ सका और उसकी हत्या का सुराग मिल सका। अगर वे बच्ची की मां के जवाब पर चुप रह जाते तो कभी भी उसकी हत्या का पता नहीं चल पाता। जरूरत इस बात की है कि हम समाज के बतौर अपनी जिम्मेदारी समझें और सतर्क रहें, ताकि घटना को होने से ही रोका जा सके। ऐसा करके ही हम उन नन्हें बच्चों के जीवन को बचा सकते हैं, जिनके माता-पिता और परिजन ही उनकी जान के दुश्मन बने हुए हैं।
10 मार्च 2018 कोटा, राजस्थान (F)