वह मात्र दो दिन की है और झाड़ियों में पाई गई है। वह दो दिन से ही उस झाड़ी में पड़ी थी और किसी की नजर उस पर नहीं गई या फिर सोमवार को ही उसे झाड़ियों में फेंका गया था, यह जांच का विषय हो सकता है। उसका सच फिलहाल इतना है कि उसकी हालत ठीक नहीं है। ये घटना कोटा के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में थर्मल कॉलोनी के पास घटी।
पत्रकार श्री हंसपाल यादव ने पा-लो ना को बताया कि कोटा शहर में एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हुई है। सोमवार को एक नवजात बच्ची थर्मल कॉलोनी के पास मौजूद झाड़ियों में मिली है। राहगीरो ने जब झाड़ियों में से आती उसके रोने की आवाज सुनी तो पास जाकर देखा। वहीं से ये बच्ची मिली। सूचना पर कुन्हाड़ी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और बच्ची को तुरंत जेके लोन अस्पताल पहुंचाया गया।
उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में भर्ती कर लिया है। उनके अनुसार, बच्ची का जन्म दो दिन पहले ही हुआ है। और उसका वजन 2 किलो 70 ग्राम है। उसके शरीर पर कुछ निशान भी मिले हैं। अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज सिंघल के मुताबिक, बच्ची को ठीक होने में तीन या ज्यादा दिन भी लग सकते हैं। शिशु के खून की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति को दे दी है।
प्रत्यक्षदर्शी इस बच्ची को समाज द्वारा अमान्य रिश्ते की पैदाईश के रूप में देख रहे हैं। वहीं पा-लो ना का मानना है कि लड़की होने की वजह से भी बच्ची का परित्याग किया जा सकता है। मालूम हो कि कोटा मे शिशु परित्याग की समस्या काफी गंभीर है और जागरुकता कार्यक्रमों का नितांत अभाव है। फिलहाल मामले में पुलिस की जांच जारी है।
02 जुलाई 2018 कोटा, राजस्थान (F)