एक पुराने टॉवल में लपेटकर दो दिन की उस बच्ची को ओवरब्रिज के नीचे छोड़ दिया गया था। छोड़ने वालों ने ये भी नहीं सोचा कि उसे कोई जानवर उठा कर ले जा सकता है, या कीड़े उसे नुकसान पहुंचा सकते है। पुलिस को बच्ची की जैसे ही सूचना मिली, वह घटनास्थल पहुंची और बच्ची को अस्पताल आईसीयू में एडमिट करवाया। घटना सोमवार रात्रि की है।
बाराँ के पत्रकार श्री ब्रजेश कलवार ने पा-लो ना को बताया कि बारां में एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है। यहां दो दिन की एक मासूम को तड़पने के लिए एक ओवरब्रिज के नीचे लावारिस अवस्था मे छोड़ दिया गया।
पुलिस उपाधीक्षक श्री दिनेश मीणा के हवाले से ब्रजेश जी ने बताया कि झालावाड रोड स्थित एनएच 27 पर ओवरब्रिज के नीचे एक नवजात बच्ची के मिलने की सूचना कोतवाली थाना के हेड कांस्टेबल अभिषेक शर्मा को मिली। वह घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां पुराने से तौलिए में वह बच्ची रो रही थी। हेड कांस्टेबल ने उसे बाराँ के सरकारी चिकित्सलाय में भर्ती करवा दिया। बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। कोतवाली पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। बच्ची के माता पिता का पता लगाने का प्रयास जारी है।
पा-लो ना को लगता है कि यह मामला कन्या शिशु के कारण से जुड़ा हो सकता है। बच्ची को दो दिन अपने पास रखकर फिर उसे त्याग देना इसी ओर इशारा करता है। यदि मामले की गहनता से जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ सकेगी। बच्ची को असुरक्षित स्थान पर छोड़ने से परिवार कानून के नजरों में दोषी बन गया है। यदि उन्हें बच्ची को अपनाना नहीं था तो उसे त्यागने की बजाय सौंपने के विकल्प पर विचार करना चाहिए था। लेकिन ये जागरुकता का अभाव है कि परिजन बच्चों को नहीं अपनाने की दिशा में उनकी जिंदगी को खतरे में डाल देते हैं। इसलिए सरकार को सरेंडर पॉलिसी का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करना चाहिए।
11 सितंबर 2018 बारां, राजस्थान (F)