पार्क और बच्चे एक-दूसरे के पर्याय हैं, लेकिन यदि किसी पार्क में एक नवजात शिशु किसी बेंच पर अकेला मिले तो मन में कितने ही सवाल खलबली मचा देते हैं। कुछ ऐसा ही हाल दिल्लीवासियों का सोमवार की सुबह हुआ, जब उन्होंने करीब 6-7 दिन के एक बच्चे को एक पार्क में अकेले पाया। वह चादर में लिपटा बेंच पर लेटा था। उसके मिलने के हालात उसके जनक की मजबूरी की चुगली कर रहे थे।
दिल्ली से पत्रकार श्री राजन शर्मा ने बताया कि पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके में आज सुबह एक शिशु मिला, जो शायद सप्ताह भर पहले जन्मा था। उनके मुताबिक, इस लड़के को उसके परिजन पार्क की एक बेंच पर छोड़कर गायब हो गए। फिलहाल उसकी देखभाल लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल की नर्स कर रही हैं। बच्चे के शरीर पर किसी घाव या चोट के कोई निशान नहीं है, वह एकदम स्वस्थ बच्चा है।
इस मामले में मंडावली थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 317 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आस-पास के सीसीटीवी फुटेज से भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पाया है कि कौन उसे वहां बेंच पर लिटा कर छोड़ गया।
बच्चे की तस्वीरें इस बात की गवाही दे रही हैं कि बच्चे को वहां छोड़ने वालों का इरादा उसे नुकसान पहुंचाने का नहीं था। इसलिए वे पूरा इंतजाम करके गए। उसके शरीर पर कपड़ों के अलावा उसे चादर में भी लपेटा हुआ था। उसके पास दूध से भरी एक बोतल भी छोड़ दी गई थी। उसके हाथ में लगी पट्टी इस बात की गवाही दे रही थी कि बेंच पर छोड़े जाने से पहले वह किसी अस्पताल में एडमिट था। हालांकि हॉस्पिटल का बैंड हटा दिया गया था, ताकि उससे किसी प्रकार का कोई क्लू न लग सके।
अगर इस बीच किसी थाने में बच्चा चोरी या किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है, तो यही संभावना बनती है कि वह समाज द्वारा अस्वीकृत रिश्ते से जन्मा था, इसीलिए उसे छोड़ने का निर्णय उसके जनक को करना पड़ा। इस मुद्दे पर जागरुकता का इतना अभाव है कि लोग किसी भी मजबूरीवश बच्चे को छोड़ने की परिस्थिति आने पर उसे सुरक्षित हाथों में नहीं सौंपकर असुरक्षित स्थान पर छोड़ देते हैं। उनका यह कदम अकसर इन मासूम बच्चों के लिए जानलेवा साबित होता है। इस मामले में हम राहत की सांस इसलिए ले सकते हैं कि उस तक जानवरों से पहले इंसान पहुंच गए।
इसलिए पा-लो ना टीम बार-बार ये आग्रह करती है कि बच्चों को छोड़ने की स्थिति आने पर उन्हें त्यागिए नहीं, बल्कि सौंप दीजिए। इससे आप अपराध से ही नहीं, अपराधबोध से भी बच जाएंगे और आपको सुकून होगा कि आपने उसके लिए एक बेहतर जीवन चुना।
09 अप्रैल 2018 दिल्ली (M)